जम्मू-कश्मीर में बुधवार को सात जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर हुए पहले चरण के मतदान में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में 61 प्रतिशत मतदान हुआ। जम्मू-कश्मीर चुनाव में भाजपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी जैसे दिग्गजों के अलावा अब्दुल राशिद की पार्टी एआईपी भी मैदान में है।
टेरर फंडिंग केस में जेल की सजा काट रहे बारामूला लोकसभा सीट जीतकर सभी को चौंकाने वाले राशिद ने कश्मीर की जनता से अपील की है कि अगर वे उनकी पार्टी को 20 से 25 सीटें दे दें तो वे महज तीन साल के भीतर कश्मीर मुद्दे को खत्म कर देंगे और मोदीजी को अपने इशारे पर नचाएंगे।
अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख शेख अब्दुल राशिद ने दावा किया है कि अगर जम्मू-कश्मीर के लोग उनकी पार्टी को मौजूदा विधानसभा चुनावों में 20-25 सीटें दें तो वह तीन साल में कश्मीर मुद्दे को सुलझा लेंगे। टेरर फंडिंग मामले में अंतरिम जमानत पर बाहर आए बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद इन दिनों जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए प्रचार अभियान में जुटे हैं।
राशिद ने ईटी से बातचीत में कहा, “मैं तीन साल में कश्मीर मुद्दे को सुलझा सकता हूं, लेकिन कश्मीरियों को मुझे 20 से 25 सीटें देनी होंगी। मुझे ताकत दो।
मैं मोदीजी को अपने इशारों पर नचाऊंगा। मुझे ताकत मिलेगी तो ही कुछ कर पाऊंगा, अगर नहीं तो कैसे होगा?” उन्होंने कहा कि 22 दिन की अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद उन्हें वापस जेल जाने का डर नहीं है।
“मैं उसी तरह तिहाड़ जेल वापस जाऊंगा जैसे बाहर आया था। अगर इससे मेरे लोगों का दर्द और तकलीफ कम होती है तो मैं अगले 50 साल तक जेल में रहने को तैयार हूं।”
उमर और सज्जाद लोन की हार की भविष्यवाणी
गंदेरबल और बडगाम से चुनाव लड़ रहे उमर अब्दुल्ला और हंदवाड़ा और कुपवाड़ा से चुनाव लड़ रहे सज्जाद लोन के सभी सीटों से हारने की भविष्यवाणी करते हुए राशिद ने कहा, “वे मेरी मौजूदगी से डरे हुए हैं और इसीलिए वे दो-दो सीटों से चुनाव लड़ रहे है, लेकिन लोग अब उनके धोखे को समझ रहे हैं और महसूस कर रहे हैं कि एआईपी ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।”