गणेश चतुर्थी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ के घर जाकर पूजा करने के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा।
कांग्रेस ने इस दौरे को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए इसे आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जोड़ दिया है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राजनीति में धर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं।
वेणुगोपाल ने कहा, “सच्ची भक्ति और राजनीति में धर्म के दुरुपयोग का फर्क हर किसी को पता है। चुनाव के नजदीक आते ही पीएम मोदी ने सीजेआई के घर गणेश पूजा के लिए जाने का फैसला किया और इसके साथ कैमरा क्रू भी लेकर गए।”
उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री को यह सोचना चाहिए था कि इस दौरे का क्या संदेश जाएगा।
कांग्रेस का कहना है कि इस दौरे के पीछे छिपा मकसद चुनावी लाभ उठाना है। महाराष्ट्र में चुनाव करीब हैं और पीएम मोदी का यह कदम राजनीति से प्रेरित लग रहा है।
वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री भगवान गणेश का दुरुपयोग कर रहे हैं ताकि असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके।
उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर ‘संस्थागत अखंडता’ और ‘संवैधानिक मूल्यों’ के साथ खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि यह दौरा इन संस्थाओं के प्रति अनादर का प्रतीक है और इससे यह सवाल उठता है कि आखिर पीएम ने इस समय सीजेआई के घर जाने का फैसला क्यों लिया।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में अपने 74वें जन्मदिन के मौके पर आयोजित एक रैली में कांग्रेस पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग, जिन्हें गणेश उत्सव से समस्या रही है, अब भी समाज में विभाजन चाहते हैं। मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके ‘ईकोसिस्टम’ को उनके गणेश पूजा में शामिल होने से परेशानी है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा जैसे धार्मिक आयोजन से भी दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हमेशा धर्म और संस्कृति का सम्मान करती आई है और वह धार्मिक आयोजनों में शामिल होते रहेंगे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने ओडिशा की महत्वाकांक्षी ‘सुभद्रा योजना’ का भी शुभारंभ किया। इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं को सालाना 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो 5,000 रुपये की दो किस्तों में वितरित होगी। इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी बयानबाजी ने जोर पकड़ लिया है।