प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा आज घर-घर पूजे जाएंगे।
जगह-जगह पूजा पंडाल में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी बरटांड़, बस स्टैंड, पेयजल विभाग, बिजली विभाग, रेलवे सहित सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में पूजा होगी।
पंचांग के अनुसार आज भगवान विश्वकर्मा की पूजा और खरीदारी के लिए काफी शुभ दिन है। मंगलवार को योग और नक्षत्र इस विश्वकर्मा पूजा को विशेष बना रहे हैं।
शतभिषा नक्षत्र, अभिजीत मुहूर्त, और अमृत काल में आदि शिल्पी की पूजा होगी। दोपहर 11.44 से पूर्णिमा तिथि का भी प्रवेश हो रहा है, जो खरीदारी के लिए अत्यंत ही शुभ है।
विश्वकर्मा को सृष्टि का प्रथम शिल्पकार कहा जाता है। इस दिन अनंत चतुर्दशी और गणेश विर्सजन का शुभ संयोग है। पंचांग के अनुसार दोपहर में पूर्णिमा तिथि का भी प्रवेश हो रहा है।
विश्वकर्मा पूजा से खुलते हैं आर्थिक उन्नति के मार्ग खड़ेश्वरी मंदिर के पुजारी राकेश पांडेय बताते हैं कि शास्त्रत्तें के अनुसार कन्या संक्रांति के दिन ब्रह्मा जी के पुत्र भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था।
इस वर्ष कन्या संक्रांति 16 सितंबर को पड़ा। इस दिन सूर्य देव शाम को 07.53 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश किए। परिवर्तन के समय को ही कन्या संक्रांति कहा जाता है।
हिंदू धर्म में उदया तिथि मान्य होती है, इसलिए विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर यानी मंगलवार के दिन मनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि विश्वकर्मा पूजा के दिन कार्यस्थल पर और कारखानों में भगवान विश्वकर्मा की उपासना करने से व्यापार में वृद्धि होती है और आर्थिक उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।