आज घर व दुकानों में इस विधि से करें विश्वकर्मा पूजा, जानें पूजा का मुहूर्त…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):

हर साल भाद्रपद महीने के दौरान विश्वकर्मा पूजा की जाती है।

विश्वकर्मा भगवान ब्रह्म जी के पुत्र हैं, जो प्रथम शिल्पकार व इंजीनियर के रूप में भी जाने जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से रोजगार में सफलता प्राप्त होती है।

दुनिया ​के पहले वास्तुकार एवं इंजीनियर कहे जाने वाले विश्वकर्मा जी ने इस सृष्टि की रचना करने में पिता ब्रह्मा जी की मदद की थी।

विश्वकर्मा पूजा के दिन कारोबारी मशीन, वाहन, लोहा, व इलेक्ट्रिक समान की भी पूजा की जाती है। आइए जानते हैं विश्वकर्मा पूजा की सही विधि व शुभ मुहूर्त-

विश्वकर्मा पूजा सामग्री

ज्योतिषाचार्य पंडित वागीश्वरी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार, पूजा के लिए अक्षत, हल्दी, फूल, पान, लौंग, सुपारी, मिठाई, फल, धूप, दीप, रक्षासूत्र, पांच पेड़ों के पत्ते, 7 तरह की मिट्टी, सुपारी, दक्षिणा, कलश आदि इकट्ठा कर लें, ताकि पूजा के दौरान किसी सामग्री की जरूरत नहीं पड़े। 

विश्वकर्मा पूजा 2024 विधि 

पंडित वागीश्वरी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार, स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। उसके बाद पूजा स्थान पर आसन ग्रहण करें।

सर्वप्रथम हाथ में जल लेकर विश्वकर्मा पूजा का संकल्प करें। इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें। फिर कलश में पंचपल्लव, सुपारी, दक्षिणा आदि डालकर उसमें कपड़ा लपेट दें।

फिर एक मिट्टी के पात्र में अक्षत रख लें और उसे कलश के मुंह पर रखें। उस पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर दें।

विश्वकर्मा जी का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें। अब प्रभु को चंदन का तिलक, फल और पुष्प अर्पित करें। घी का दीपक प्रज्वलित करें। पूरी श्रद्धा के साथ आरती करें। भोग लगाएं। अंत में क्षमा प्रार्थना करें। 

भोग– लड्डू, बूंदी, फल आदि का भोग लगा सकते हैं। 

किसे करनी चाहिए विश्वकर्मा पूजा:ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही सतयुग के स्वर्ग लोक, श्रेता युग की लंका, द्वापर की द्वारिका और कलयुग की हस्तिनापुर की रचना की।

हां तक कि सुदामापुरी का निर्माण भी उन्होंने ही किया। ऐसे में यह पूजा उन लोगों के ज्यादा महत्वपूर्ण है, जो कलाकार, बुनकर, शिल्पकार और व्यापारी हैं। 

क्यों करें विश्वकर्मा जी की पूजा:विश्वकर्मा भगवान की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि उन्हें पहला वास्तुकार माना गया था। मान्यता है कि हर साल अगर आप घर में रखे हुए लोहे और मशीनों की पूजा करते हैं तो वह जल्दी खराब नहीं होते हैं। मशीनें अच्छी चलती हैं, क्योंकि भगवान उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। 

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