प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत किया जाता है। यह व्रत मु्ख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत में माताएं अपने संतान की सुरक्षा, खुशहाली व अच्छी सेहत के लिए पूरे दिन व पूरी रात निर्जला उपवास करती हैं। जीवित्पुत्रिका व्रत को जितिया व्रत के नाम से भी जानते हैं।
अष्टमी तिथि कब से कब तक- अष्टमी तिथि 24 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगी और 25 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी।
जीवित्पुत्रिका व्रत कब है– जीवित्पुत्रिका व्रत नहाए-खाय के साथ 24 सितंबर 2024 को शुरू होगा। 25 सितंबर 2024, बुधवार को जितिया व्रत रखा जाएगा।
जितिया व्रत पूजन मुहूर्त- जितिया व्रत के दिन मुहूर्त के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त 04:35 ए एम से 05:22 ए एम तक रहेगा। विजय मुहूर्त- 02:12 पी एम से 03:00 पी एम तक, गोधूलि मुहूर्त- 06:13 पी एम से 06:37 पी एम तक और अमृत काल 12:11 पी एम से 01:49 पी एम तक रहेगा।
जितिया पूजन इस अवधि में न करें- 25 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक राहुकाल रहेगा। राहुकाल को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ योग में गिना जाता है। इस दौरान शुभ व अच्छे कार्यों की मनाही होती है।
जितिया व्रत का महत्व- धर्म ग्रंथों के अनुसार, जितिया व्रत के पुण्य प्रभाव से संतान को लंबी आयु प्राप्ति होती है। दुख-दर्द व परेशानियों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि से नवमी तिथि तक रखा जाता है।
जितिया व्रत का पारण- जितिया व्रत का पारण 26 सितंबर 2024, गुरुवार को किया जाएगा। व्रत का पारण सुबह सूर्योदय 06:11 मिनट के बाद किया जा सकता है।