गुलाम नबी आजाद ने किया हैरान, चुनाव प्रचार में उतरने का ऐलान; बीमारी पर क्या बोले…

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) चीफ गुलाम नबी आजाद ने 10 दिन पहले कहा था कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है।

ऐसे में वह चुनाव प्रचार में नहीं उतर पाएंगे। अब उन्होंने लोगों को हैरान करते हुए प्रचार का शेड्यूल जारी कर दिया है। उन्होंने कहा है कि अब वह बेहतर महसूस कर रहे हैं। ऐसे में जितना हो सकेगा चुनावी प्रचार में उतरेंगे।

गुलाम नबी आजाद ने अपने प्रत्याशियों से कहा था कि तबीयत ठीक ना होने की वजह से वह चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। फिर भी अगर कोई प्रत्याशी चुनाव लड़ना चाहता है तो वह खुद ही अपने प्रचार की जिम्मेदारी संभाले।

अब आजाद ने 12 से 15 सितंबर तक के प्रचार का शेड्यूल जारी किया है। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होना है। आजाद ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर कहा, आपकी दुआओं से अलहमदुल्लाह! अब मुझे बहतर महसूस हो रहा है। मैं दक्षिण कश्मीर और चिनाब घाटी में 12 सितंबर को अपने प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार की शुरुआत करूंगा। शांति और विकास का युग लौटाने में आप हमारी मदद करें।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें तो गुलाम नबी आजाद के प्रचार ना करने के फैसले से पार्टी पर काफी बुरा असर पड़ रहा था। नई पार्टी बनाने के बाद यह उनका पहला ही चुनाव है। आजाद ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे।

वहीं आजाद के प्रचार ना करने के ऐलान के बाद कई प्रत्याशियों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है। हालांकि कुछ अब भी चुनाव लड़ रहे हैं।

गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे हुआ करते थे। 2022 में उन्होंने अलग पार्टी बना ली। शुरू में उनकी पार्टी की तरफ कांग्रेस के कई नेता आकर्षित हो रहे थे।

इनमें से ज्यादातर नेता अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। लोकसभा चुनाव में डीपीएपी फेल हो गई। उसने अनंतनाग-राजौरी और ऊधमपुर-डोडा में अपने प्रत्याशी उतारे थे।

लोकसभा चुनाव में गुलाम नबी आजाद के दोनों उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। वहीं जब आजाद ने खुद चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया तो यह पार्टी के लिए एक और बड़ा झटका था। पहले उन्होंने अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का मन बनाया था।

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