गाजा में बिना रुके चल रहे भीषण नरसंहार और युद्धविराम की धुंधली उम्मीदों पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस का इजरायल पर गुस्सा फूटा है।
उन्होंने कहा कि वह गाजा में संघर्ष विराम की हर मुमकिन कोशिश कर चुके हैं लेकिन, बेंजामिन नेतन्याहू उनकी सुनने को ही तैयार नहीं।
उन्होंने अफसोस जताया कि पहली बार उन्होंने ऐसा भीषण रक्तपात और विनाश देखा है। हालांकि उम्मीद जताई कि गाजा में किसी भी संर्घर्ष विराम की पेशकश को वो सहयोग देंगे।
इस बीच इजरायली सेना के गाजा पर ताजा हमले में 40 निर्दोष लोगों की जान ले ली। हमले में 60 अन्य घायल हैं। हमला उस इलाके में हुआ है, जिसे युद्ध की शुरुआत में इजरायली सेना ने मानवीय बस्ती के लिए सुरक्षित स्थान बताया था। यहां हजारों विस्थापितों ने शरण ले रखी थी।
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एसोसिएटेड प्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह सोचना “अकल्पनीय” है कि संयुक्त राष्ट्र गाजा के भविष्य में भूमिका निभा सकता है। या फिर क्षेत्र का प्रशासन करके शांति सेना दे सकता है, ऐसा इसलिए क्यों कि इज़रायल संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को स्वीकार करने को तैयार ही नहीं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा, “संयुक्त राष्ट्र किसी भी युद्धविराम का समर्थन करने के लिए हमेशा तैयार रहेगा।”
गुटेरेस ने कहा, “बेशक, अंतरराष्ट्रीय समुदाय गाजा के लिए हमसे जो भी मांगेगा, हम वह करने के लिए तैयार रहेंगे। लेकिन, सवाल यह है कि क्या इजरायल इसे स्वीकार करेगा।”
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़रायल में हमास के हमलों के कारण गाजा में पिछले 11 महीनों से भीषण नरसंहार चल रहा है।
इजरायली सेना हमास के ठिकानों को बर्बाद करने में जुटी है। यूएन की चिंता इस बात की है कि इजरायली हमलों में सिर्फ हमास ही नहीं आम लोग भी मारे जा रहे हैं। इजरायली हमलों में अभी तक42 हजार से ज्यादा गाजावासियों की मौत हो चुकी है।
इजरायल के ताजा हमले में मारे गए 40 गाजावासी
गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि फिलिस्तीनी क्षेत्र के दक्षिण में एक मानवीय क्षेत्र पर इजरायली हमले में 40 लोग मारे गए और 60 अन्य घायल हो गए। वहीं, इजरायली सेना ने कहा कि उसने क्षेत्र में हमास कमांड सेंटर को निशाना बनाया था।
यह हमला गाजा के मुख्य दक्षिणी शहर खान यूनिस में अल-मवासी पर हुआ, जिसे युद्ध की शुरुआत में इजरायली सेना ने मानवीय बस्ती के लिए सुरक्षित स्थान बताया था।
यहां हजारों विस्थापितों ने शरण ले रखी थी। हालांकि, इज़रायल की सेना ने कभी-कभार इस क्षेत्र में और उसके आसपास अभियान चलाए हैं। इसी जगह पर इजरायली अटैक में हमास का सैन्य प्रमुख मोहम्मद डीफ मारा गया था।