गोवा के राज्यपाल एस. श्रीधरन पिल्लाई ने रविवार को दावा किया कि राज्य में ईसाई आबादी में तेजी से कमी आई है। वहीं मुस्लिमों की संख्या पहले के मुकाबले बढ़ गई है।
उन्होंने केरल की एक चर्च में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि गोवा में ईसाई आबादी पहले के 36 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत रह गई है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने एक वरिष्ठ पादरी से बात की। मैंने उन्हें बताया कि कैथोलिक समुदाय के सदस्यों का प्रतिशत घटकर 25 प्रतिशत हो गया है, जबकि इस्लामी समुदाय के सदस्यों का प्रतिशत पहले के तीन प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया है।’
पिल्लई ने यह भी कहा कि उन्होंने समुदाय के सदस्यों से इस संबंध में ‘सकारात्मक अध्ययन करने’ के लिए कहा था। इसके बाद एक अन्य कार्यक्रम में पिल्लई ने स्पष्ट किया कि उनका मतलब ‘प्रतिभा पलायन’ से था।
पिल्लई ने कहा, ‘मैंने देखा है कि कुछ मीडिया प्रतिष्ठान मेरे बयान पर विवाद पैदा कर रहे हैं। मैं जनसांख्यिकी या किसी विशेष समुदाय के बारे में बात नहीं कर रहा था।’
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में गोवा में कैथोलिक सदस्यों की संख्या में कमी आई है। इसके अलग-अलग कारण हैं, जिनमें से एक प्रतिभा पलायन भी है।
पिल्लई ने बाद में एक अन्य कार्यक्रम में स्पष्ट किया, ‘जब पादरियों सहित समुदाय के नेताओं ने मुझसे मुलाकात की तो मैंने उसी के संबंध में कुछ समाचार लेखों का हवाला दिया।
मैंने उनसे इसका अध्ययन करने के लिए कहा। मुझे लगता है कि यह मुख्य रूप से प्रतिभा पलायन के कारण है।’ गौरतलब है कि जनसंख्या के असंतुलन की बात असम, उत्तराखंड जैसे कई राज्यों में भी कही जाती रही है।
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा तो लगातार यह कहते रहे हैं कि राज्य में मुस्लिमों की आबादी में तेजी से इजाफा हो रहा है और इसकी वजह बांग्लादेश से होनी वाली घुसपैठ है।