मणिपुर में हिंसा और उग्रवादियों द्वारा आधुनिक हथियारों के इस्तेमाल को देखते हुए असम राइफल्स ने एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात कर दिया है।
सीआरपीएफ ने भी मणिपुर में सुरक्षाबलों को एक एंटी ड्रोन सिस्टम उपलब्ध करवाया है। मणिपुर पुलिस ने बताया कि बढ़ते तनाव और हिंसक घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
पुलिस ने बताया कि कुछ और एंटी ड्रोन गन लाई जा रही हैं। बीते दिनों उग्रवादियों ने बम गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
मणिपुर के बिष्णुपुर और इंफाल पूर्वी जिले के इलाकों में कई ड्रोन देखे जाने के बाद लोगों ने शुक्रवार रात अपने घरों की लाइटें बंद कर दी थीं।
बीते सप्ताह की शुरुआत में इंफाल पश्चिम जिले में दो स्थानों पर लोगों पर बम गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार रात बिष्णुपुर जिले के नारायणसेना, नाम्बोल कामोंग और इंफाल पूर्वी जिले के पुखाओ, दोलाईथाबी, शांतिपुर में कई ड्रोन देखे गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। घबराए ग्रामीणों ने घरों की लाइटें बंद कर दीं।
पुलिस के बयान में कहा गया, राज्य की पुलिस ने भी एंटी ड्रोन सिस्टम की खरीद और सुरक्षा के मानकों को बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है।
बता दें कि मणिपुर में बीते साल 3 मई से ही जातीय हिंसा जारी है। बीते दिनों उग्रवादियों ने हमले के लिए रॉकेट का भी इस्तेमाल किया था।
वहीं तीन अलग-अलग जगहों पर ड्रोन से बम गिराए गए जिसमें एक महिला की मौत हो गई और 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए। सु
रक्षा अधिकारियों का कहना है कि उग्रवादी आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये ड्रोन काफी ऊंचाई से हमला करने में सक्षम हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय, राज भवन और मणिपुर विधानसभा, गृह मंत्रालय के बाहर भी एंट्री ड्रोन सिस्टम लगाया जाएगा। इसका प्रस्ताव लंबित है।
हालांकि अब इसपर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। पुलिस से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने को कहा गया है।
वहीं मणिपुर के डीजीपी ने पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई है जो एंट्री ड्रोन सिस्टम की देखरेख करेगी। यह कमेटी पता करेगी कि जो ड्रोन उग्रवादी इस्तेमाल कर रहे हैं, वे किस तरह के हैं और उनसे कैसे निपटा जा सकता है।