महाराष्ट्र में ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना’ को लेकर महायुति में दरार पड़ने लगी है।
शिवसेना के एक मंत्री ने इस योजना के विज्ञापनों से मुख्यमंत्री का चेहरा हटाने को लेकर अजित पवार गुट पर नाराजगी जताई है।
इसके बाद उपमुख्यंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसके प्रचार को लेकर एसओपी का प्रस्ताव रख दिया। ‘लड़की बहन योजना’ का क्रेडिट लेने के लिए महायुति के अंदर ही होड़ दिखाई दे रही है।
कुछ दिन पहले ही एनसीपी ने ‘अजित दादा लड़की बहिन’ योजना के नाम से पोस्टर लगवाए थे। अब बारामती में इस योजना के प्रचार के ऐसे पोस्टर देखने को मिले जिनमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का ही चेहरा था।
इसमें अजित पवार का नाम भी कहीं नहीं था। ऐसे में इस योजना को लेकर सियासत दर्म हो गई। कैबिनेट की मीटिंग में शिवसेना के मंत्त्री शंभुराज देसाई ने एनसीपी के प्रचार पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इसमें आखिर मुख्यमंत्री का नाम क्यों नहीं है।
देसाई ने कहा, पार्टी के सभी प्रचार में दोनों उपमुख्यमंत्रियों का भी चेहरा लगाया जाता है। एनसीपी औरर बीजेपी हमारे सहयोगी हैं।
लेकन उनके प्रचार में तो मुख्यमंत्री शब्द ही हटा दिया गया। क्या इससे दिक्कत नहीं होगी? इसके बाद एनसीपी ने भी जवाब देते हुए कहा कि बजट पेश होने के बाद शिंदे के तारीफ में पूरे राज्य में पोस्टर लगवाए गए थे।
एनसीपी प्रवक्ता उमेश पाटिल ने कहा, पहले से ही योजना बना लगी गई की बजट को लेकर भी शिंदे को ही प्रमोट किया जाएगा।
हालांकि इसपर हमने कुछ नहीं कहा। अब अगर सुविधा की लिहाज से नाम को छोटा कर दिया गया तो हमारे पार्टनर आपत्ति क्यों जता रहे हैं?
इस वाक्युद्ध में दखल देते हुए देवेंद्र फडणवीस ने मीडियाकर्मियों से शुक्रवार को कहा कि कैबिनेट की बैठक के दौरान इस योजना के विज्ञापन को लेकर एसओपी प्रस्तावित की गई है।
इसके तहत पूरे राज्य में एक तरह के ही विज्ञापन चलाए जाएंगे। बता दें कि ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना’ के तहत हर महीने पात्र महिलाओं को 1500 रुपये की राशि दी जानी है।
अब तक 1.59 करोड़ महिलाओं के खाते में 4887 करोड़ रुपेय जमा किए गए हैं। इस योजना के तहत 2.5 करोड़ महिलाओं को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके नामांकन की सीमा 30 सितंबर तक बढ़ाई गई है। विधानसभा चुनाव से पहले यह योजना शुरू की गई है।