पूर्वी यूक्रेन में जारी युद्ध के दौरान कथित तौर पर आत्मसमर्पण करने वाले यूक्रेनी सैनिकों पर पुतिन की सेना ने रहम नहीं की है और उन्हें एक-एक कर गोलियों से उड़ा डाला है।
अब आत्मसमर्पण कर चुके यूक्रेनी सैनिकों की हत्या पर बवाल मच गया है। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने रूस की इस हरकत के खिलाफ आवाज उठाई है।
हाल ही में सामने आई एक वीडियो में यूक्रेनी सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के बाद बेरहमी से मारते हुए दिखा गया है। ड्रोन से लिया गया वीडियो पोकरोवस्क शहर का बताया जा रहा है जहां रूस और यूक्रेन के बीच भीषण लड़ाई जारी है।
सीएनएन द्वारा जारी वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि तीन यूक्रेनी सैनिक अपने हाथ पीछे किए हुए, धूल भरी सड़क पर घुटनों के बल बैठे हैं।
कुछ ही देर में बिना किसी चेतावनी के वे जमीन पर गिर पड़ते हैं। यह घिनौनी हरकत पास में मौजूद रूसी सैनिकों द्वारा की गई, जिन्होंने आत्मसमर्पण के बावजूद इन यूक्रेनी सैनिकों को गोली मार दी।
यूक्रेनी रक्षा खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इस तरह की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। पिछले नवंबर से अब तक, 15 ऐसे मामलों का रिकॉर्ड सीएनएन को सौंपा गया है, जिनमें ड्रोन फुटेज और ऑडियो क्लिप्स के जरिए इस तरह की हत्याओं का सबूत मिला है।
यूक्रेन के वरिष्ठ वकील जनरल एंड्री कोस्टिन ने बताया कि उनके कार्यालय ने अब तक 28 ऐसी घटनाओं की जांच शुरू की है, जिसमें 62 यूक्रेनी सैनिकों की हत्या की जा चुकी है।
यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि यह रूस द्वारा बनाई गई एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। उनका दावा है कि इन हत्याओं में कई रूसी सैन्य अधिकारियों की संलिप्तता है। इन जघन्य कृत्यों को मानवता के खिलाफ अपराध करार देने की भी मांग यूक्रेनी सरकार कर रही है।
मई में जपोरिझ्झिया के रोबोटिन गांव की एक और घटना का वीडियो भी यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने जारी किया है, जिसमें आत्मसमर्पण के बाद यूक्रेनी सैनिकों को गोली मारी जाती है।
इस वीडियो के साथ जारी की गई ऑडियो क्लिप में एक रूसी अधिकारी अपने साथी सैनिक को यूक्रेनी बंदियों को मारने का आदेश देता सुनाई देता है।
अब यूक्रेन सरकार ने इन घटनाओं को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाने का फैसला किया है, ताकि रूस के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें।