मणिपुर सरकार ने बढ़ती हिंसा और अशांति के बीच शुक्रवार को राज्य भर के सभी स्कूलों को 7 सितंबर को बंद करने का आदेश दिया।
शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी कर कहा कि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी, निजी और केंद्रीय विद्यालय बंद रहेंगे।
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया, ‘‘राज्य में अशांति और मौजूदा स्थिति को देखते हुए तथा छात्रों एवं शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सभी सरकारी और निजी स्कूलों समेत केंद्रीय विद्यालय सात सितंबर को बंद रहेंगे।’’
मणिपुर में रॉकेट हमले, सुरक्षा बल अलर्ट
मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने दो रॉकेट दागे, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए।
पिछले कुछ दिन में हुए ‘हाई-टेक’ हमलों के बाद इंफाल घाटी क्षेत्र में तनाव फैल गया है। इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में इंफाल पश्चिम जिले में दो स्थानों पर ड्रोन का इस्तेमाल कर लोगों पर बम गिराए गए थे। राज्य में पिछले साल मई से जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हुए हैं।
इंफाल घाटी के पांच जिलों में हजारों लोगों ने उग्रवादियों के हमलों का विरोध करते हुए शुक्रवार को मानव श्रृंखला बनाई। मणिपुर सरकार ने बम हमलों से उत्पन्न अशांति के मद्देनजर सात सितंबर को स्कूलों को बंद करने की घोषणा की है।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पहला रॉकेट हमला तड़के करीब 4:30 बजे बिष्णुपुर जिले के ट्रोंगलाओबी में हुआ, जिसमें दो इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।
दोपहर करीब तीन बजे दूसरा रॉकेट व्यस्त मोइरांग शहर में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के आवासीय परिसर पर गिरा, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई और 13 वर्षीय लड़की समेत पांच अन्य घायल हो गए।
रॉकेट मिसाइल लॉन्च कर रहे आतंकी
केंद्रीय सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने बताया, “सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं…।’’ अधिकारियों ने बताया कि “दिशाहीन” रॉकेट मिसाइल स्थानीय स्तर पर तैयार किए गए थे और इन्हें चुराचांदपुर जिले की थांगजिंग पहाड़ियों से निचले मोइरांग कस्बे की ओर दागा गया। उन्होंने कहा कि करीब 10 घंटे के अंतराल में हुए दो हमलों के बाद मोइरांग कस्बे, बिष्णुपुर जिले के बाकी हिस्सों और राज्य के आसपास के जिलों के सीमावर्ती इलाकों में सभी बाजार व व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए।
एक अधिकारी ने बताया कि इन हमलों से राज्य में संघर्ष को रोकने के लिए कायम की गई सुरक्षा-व्यवस्था में खामियां उजागर हुई हैं।
स्थानीय विधायक टी. शांति और मंत्री एल. सुशीनरो मेतेई ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। एक गांव के स्थानीय स्वयंसेवक ने कहा, “लोग परेशान हैं। पहले, जब बंदूकों से हमला होता था, तो आसपास के गांवों की रक्षा करने वाले स्वयंसेवक उग्रवादियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए जवाबी कार्रवाई करते थे। हालांकि, यह युद्ध का एक नया रूप है, जिसके लिए कोई भी तैयार नहीं है।”
ड्रोन का हथियार के रूप में इस्तेमाल
शुक्रवार को हुए रॉकेट हमले में 72 वर्षीय आरके रबी सिंह की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। यह हमला ऐतिहासिक आईएनए मुख्यालय के पास हुआ। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एक अधिकारी ने बताया, “रबी सिंह परिसर में कुछ धार्मिक अनुष्ठानों की तैयारी कर रहे थे, तभी विस्फोट हुआ।” मणिपुर में ड्रोन का हथियार के रूप में इस्तेमाल पहली बार एक सितंबर को इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में देखा गया था। इस हमले में दो लोगों की मौत हुई थी और नौ अन्य घायल हुए थे।
अगले दिन लगभग तीन किलोमीटर दूर सेनजाम चिरांग में रिमोट से नियंत्रित ड्रोन का इस्तेमाल कर फिर हमला किया गया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। इस बीच, मणिपुर सरकार ने एक अधिसूचना में कहा, “राज्य में अशांति और मौजूदा स्थिति को देखते हुए तथा छात्रों व शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सभी सरकारी एवं निजी स्कूल, केंद्रीय विद्यालय सात सितंबर को बंद रहेंगे।”
घाटी के नागरिक संगठनों के एक समूह ‘द कॉर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटेग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) ने तत्काल प्रभाव से इंफाल घाटी के पांच जिलों में “सार्वजनिक आपातकाल” की घोषणा की है। सीओसीओएमआई ने कहा, “लोगों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार पर अब और भरोसा नहीं किया जा सकता।
जनता को अपनी रक्षा के लिए खुद ही रास्ते तलाशने होंगे।” सीओसीओएमआई ने मानव श्रृंखला भी बनाई। इस दौरान स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ-साथ विभिन्न इलाकों की महिलाओं ने हाल ही में हुए हमलों की निंदा करते हुए नारे लगाए।