प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए हरतालिका तीज व्रत आज है।
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को सुहागन महिलाएं और विवाह योग्य युवतियां हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं। इस व्रत में तीज माता यानि माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत पांच सितंबर को सुबह 10: 13 मिनट पर हुई।
वहीं, इस तिथि का समापन छह सितंबर को दोपहर 12: 17 मिनट पर होगा। ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत छह सितंबर को ही किया जाएगा।
हरतालिका तीज व्रत नियम-
पूजा गोधली और प्रदोष काल में करें- हरतालिका तीज के दिन तृतीया तिथि में ही भगवान शिव व माता पार्वती का पूजन करना चाहिए। तृतीया तिथि में पूजा गोधली और प्रदोष काल में की जाती है। चतुर्थी तिथि में पूजा मान्य नहीं, चतुर्थी तिथि में व्रत पारण किया जाता है।
पहले व्रत से जो नियम आप उठाएं उनका पालन करें
नवविवाहिताएं पहले इस तरह को जिस तरह रख लेंगी हमेशा उन्हें उसी प्रकार इस व्रत को करना होगा। इसलिए इस बात का ध्यान रखना है कि पहले व्रत से जो नियम आप उठाएं उनका पालन करें। अगर निर्जला ही व्रत रखा था तो फिर हमेशा निर्जला ही व्रत रखें। आप इस व्रत में बीच में पानी नहीं पी सकते।
सोने की मनाही
इस व्रत में सोने की मनाही होती है। व्रती महिलाओं को रातभर जागकर भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए। इस दिन व्रती महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए। इस दिन श्रृंगार का सामान सुहागिन महिलाओं को दान करना चाहिए।
24 घंटे निर्जला व्रत
तीज व्रत में अन्न, जल और फल 24 घंटे कुछ नहीं खाना होता है। शास्त्रों के अनुसार, हरतालिका तीज व्रत का श्रद्धा पूर्वक पालन करना चाहिए।