महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना के शुरू होते ही बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।
एक दंपति ने फर्जी आधार कार्ड के दम पर एक साथ 30 आवेदन कर डाले। पुलिस को मामले की जांच में पता लगा है कि इनका प्रारंभिक आवेदन जन्मतिथि में गड़बड़ी के कारण खारिज कर दिया गया था।
आवेदन खारिज होने के बाद दंपति ने सिस्टम को चुनौती देने के लिए यह सब जानबूझकर किया। इनके 26 आवेदन स्वीकार भी कर लिए गए और दो पर योजना की रकम भी खाते में ट्रांसफर हो गई। आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया है।
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि नवंबर के अंत तक बढ़ा सकती है।
यह योजना पात्र महिलाओं को 1500 रुपये मासिक सहायता प्रदान करती है। 31 अगस्त तक, लगभग 2.26 करोड़ आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 1 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर भी की जा चुकी है।
सिस्टम से बदला लेने की थी प्लानिंग
पहली बार आवेदन खारिज होने के बाद दंपति ने फैसला लिया कि वे सिस्टम को चुनौती देंगे। इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन सोर्स के साथ-साथ अपने रिश्तेदारों से कई आधार नंबर एकत्र किए और मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना में 30 फर्जी आवेदन कर डाले, इसमें उसने एक बार फिर पत्नी का आवेदन जोड़ा। इस बार, उसकी पत्नी समेत 26 आवेदनों को मंजूरी मिल गई।
सतारा पुलिस ने सरकार की कल्याणकारी योजना से फर्जीवाड़ा करने के आरोप में दंपति गणेश संजय घाडेगे (30) और उसकी पत्नी प्रतीक्षा (22) को गिरफ्तार किया। महिला एवं बाल विकास अधिकारी एसएस खाबडे द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया है।
आरोपी दंपति के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं। प्रतीक्षा को 29 अगस्त को योजना की दो किस्तें (1,500 रुपये प्रत्येक) उसके खाते में मिलीं थी।