कनाडाई सरकार खतरे में है और जस्टिन ट्रूडो कभी भी सत्ता से बेदखल हो सकते हैं।
साथी दल के समर्थन वापस लेने के बाद उनकी पार्टी अल्पमत में आ गई है। कनाडा में वामपंथी झुकाव वाली पार्टी एनडीपी के प्रमुख जगमीत सिंह ने ट्रूडो की लिबरल पार्टी से अपना समझौता खत्म कर दिया।
दोनों दल 2022 से गठबंधन में थे। ट्रूडो ने कई मौकों पर जगमीत सिंह को अपना सच्चा साथी बताया है। सिंह के अचानक समर्थन वापस लेने से ट्रूडो सकते में हैं।
एनडीपी के इस कदम से ट्रूडो की सरकार कभी भी गिर सकती है। हालांकि ट्रूडो ने विश्वास जताया है कि वे किसी भी हाल में अपनी सरकार गिरने नहीं देंगे।
बता दें कि हाल ही में जारी हुए सर्वेक्षणों से पता चलता है कि अगर अभी कनाडा में चुनाव हुए तो ट्रूडो की लिबरल पार्टी बुरी तरह हार जाएगी।
बुधवार को जस्टिन ट्रूडो की अल्पमत लिबरल सरकार को सत्ता में बनाए रखने में मदद करने वाले दल एनडीपी ने अपना समर्थन वापस ले लिया।
अब ट्रूडो को अपनी सरकार सुचारू रूप से चलाने के लिए नए गठबंधनों का प्रयास करना होगा। लेकिन एनडीपी के इस कदम से ट्रूडो की सरकार जाएगी या बचेगी, संसद के निचले सदन में विश्वास मत हासिल करने के लिए ट्रूडो के अन्य विपक्षी सांसदों के समर्थन पर निर्भर करता है। कनाडा के नियमों के मुताबिक, अक्टूबर 2025 के अंत तक चुनाव होने हैं।
अल्पमत में कनाडा सरकार, अब क्या करेंगे ट्रूडो
ट्रूडो ने संवाददाताओं से कहा, “2025 में ही चुनाव होगा, मुझे ऐसी उम्मीद है कि अगली शरद ऋतु तक नहीं, क्योंकि इस बीच, हम कनाडाई लोगों के लिए काम करने जा रहे हैं। मुझे वास्तव में उम्मीद है कि एनडीपी राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय इस पर ध्यान केंद्रित करेगी कि हम कनाडाई लोगों के लिए कैसे काम कर सकते हैं, जैसा कि हमने पिछले वर्षों में किया है।”
अभी चुनाव हुए तो हार जाएंगे ट्रूडो
गौरतलब है कि 52 वर्षीय ट्रूडो ने पहली बार नवंबर 2015 में पीएम का पदभार संभाला था। लेकिन पिछले दो वर्षों में उन्हें विपक्ष के अलावा जनता की बेरुखी का सामना भी करना पड़ा है।
हाल ही में मंहगाई और आवास संकट के लिए राजनेता और जनता ट्रूडो सरकार को दोषी ठहराते हैं। हाल ही में हुए सर्वेक्षणों से पता चलता है कि अगर अभी चुनाव हुए तो ट्रूडो की लिबरल पार्टी बुरी तरह हार जाएगी।
साल 2022 में लिबरल पार्टी और जगमीत सिंह की एनडीपी के बीच 2025 तक साथ रहने का समझौता हुआ था लेकिन, सर्वेक्षणों के परिणाम और ट्रूडो सरकार के प्रति लोगों के गुस्से को देखते हुए एनडीपी ने अपना समर्थन वापस ले लिया।