प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
गणेश चतुर्थी का पर्व इस साल 7 सितंबर को मनाया जाएगा, इसी दिन से गणोत्सव शुरू हो रहा है।
कई लोग इस दिन गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हैं। इस दिन धूमधाम से गणपति का पंडाल सजाया जाता है और उन्हें अपने घर में निवास कराया जाता है।
इसके बाद रोज सुबह और शाम के समय इनकी पूजा की जाती है और इनकी आरती की जाती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था।
इस साल चतुर्थी तिथि शुक्रवार छह सितंबर को दोपहर 03.01 से शुरू होकर अगले दिन शनिवार सात सितंबर को शाम 05.37 बजे समाप्त होगी।
इस दिन से गणपति को घर में, 5, 7 अपने हिसाब से घर में स्थापित करें और फिर सही मुहूर्त में उनका विसर्जन करें। वैसे अनंत चतुर्दशी के दिन इनका विसर्जन किया जाता है।
गणेश जी की पूजा में मोदक, लड्डू और दूर्वा विशेष तौर पर रखे जाते हैं। रोज पूजा करते समय भगवान गणेश को 21 दूर्वा अवश्य अर्पित करें।अगर गणेश चतुर्थी पर आप भी पूजा की सामग्री लाने की सोच रहे हैं, तो यहां हम आपको सिर्फ रूरी सामान लिस्ट दे रहे हैं-
सिन्दूर और फूल-पूजा में नारियल रखने के लिए कलश चाहिए , कपूर, हल्दी, जनेऊ, वस्त्र, चंदन,अक्षत आदि समान भी आपको चाहिए होगा।
चौकी : मूर्ति रखने के लिए एक साफ चौकी रखें। इसके ऊपर अच्छे से पंडाल सजा सकते हैं।
पीला और लाल कपड़ा: इस चौकी पर लाल या पीले रंग का नया कपड़ा बिछाएं।
भगवान गणेश की मूर्ति: भगवान गणेश की नई मूर्ति लाएं
सुपारी और पान के पत्ते, लड्डू और मोदक। भगवान की पूजा के बाद गणेश जी को मोदक और लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
भगवान गणेश जी को दूर्वा जरूर चढ़ाया जाता है। नारियल और मौसमी फल: पूजा के दौरान भगवान को चढ़ाया जाता है।
अगरबत्ती और दीपक।