बीते 11 महीनों से गाजा में इजरायली हमले जारी हैं। अब तक 90 फीसदी गाजा की आबादी अपने घरों को छोड़कर पलायन कर चुकी है।
इस बीच इजरायल के खौफ से लेबनान में भी पलायन जैसे हालात हैं। खासतौर पर इजरायल की सीमा से लगते उन इलाकों से लोग पलायन कर रहे हैं, जहां शिया मुस्लिमों की अधिक आबादी है।
इसकी वजह यह है कि आतंकी संगठन हिजबुल्लाह यहीं से सक्रिय है और वह इजरायल पर कई बार मिसाइलों से हमले कर चुका है। अब इन हमलों का इजरायल की ओर से जवाब दिया जा रहा है। यही नहीं आने वाले दिनों में यह कार्रवाई और तेज हो सकती है।
इस बीच बड़े पैमाने पर बेरूत के दक्षिणी इलाकों से लोग पलायन कर रहे हैं। ये लोग ऐसे इलाकों में जा रहे हैं, जहां ईसाई समुदाय की आबादी अधिक है या फिर सुन्नी मुसलमान रहते हैं। ये लोग उन इलाकों में जाकर किराये पर रहना सुरक्षित समझ रहे हैं।
इन्हें डर है कि इजरायल हमले कर सकता है, जिनमें उन्हें जानमाल का नुकसान होगा। यही नहीं एक बड़ी आबादी को डर है कि इजरायल की ओर से सीधे युद्ध भी छेड़ा जा सकता है। हिजबुल्लाह कमांडर को बेरूत के अंदर घुसकर मार गिराने के बाद से इजरायल का खौफ और बढ़ा है।
कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो सीरिया पलायन कर रहे हैं। इजरायल की ओर से ऐसा माना जाता है कि हिजबुल्लाह को शिया बहुल इलाकों में ही शरण मिलती है।
इसलिए शिया बहुल इलाकों में ही उसके हमलों का खौफ है। हालात लेबनान में ऐसे हो गए हैं कि शिया समुदाय के कुछ लोग सीरिया भी पलायन कर रहे हैं।
जबकि सीरिया में खुद ही बीते 14 सालों से गृह युद्ध की स्थिति बनी हुई है। लेबनान के लोगों के सीरिया जाने की एक वजह यह भी है कि वहां मकान सस्ते हैं।
ऐसे में वहां लोग जाकर किराये पर रहने का विकल्प चुन रहे हैं। इसके अलावा लेबनान और सीरिया के लोग बिना वीजा के ही एक-दूसरे के देश में यात्रा कर सकते हैं।
इसके चलते भी आवाजाही आसान है। लेबनान के हाहियेह इलाके की रहने वाली जाहरा घद्दार ने कहा कि 30 जुलाई को इजरायल के हमले में एक इमारत को हमने मलबे में तब्दील होते देखा था।
ऐसे में हम नहीं चाहते कि परिवार को कोई खतरा हो। बता दें कि पिछले दिनों इजरायल ने लेबनान के अंदर घुसकर हिजबुल्लाह के कमांडर फुआद शुकर को मार डाला था।