अपनी स्थापना की 100वीं वर्षगांठ पूरी करने जा रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने सोमवार को कहा कि वह अपने मूल सिद्धांत ‘राष्ट्र प्रथम’ के प्रति निरंतर प्रतिबद्ध रहा है।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में उस सवाल के जवाब में यह बात कही, जिसमें पूछा गया था कि क्या भाजपा सहित संघ-प्रेरित अन्य संगठनों के बीच समन्वय की कमी है।
उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस (2025 में) 100वीं वर्षगांठ पूरी करने जा रहा है। इसलिए यह एक लंबी यात्रा है।’’
आंबेकर ने कहा कि इस यात्रा में एक चीज जो निरंतर बनी रही, वह है ‘राष्ट्र प्रथम’ के प्रति प्रतिबद्धता।
आरएसएस से प्रेरित संगठनों की यहां तीन दिवसीय राष्ट्रीय समन्वय बैठक के समापन के बाद उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा दृष्टिकोण रहा है और प्रत्येक स्वयंसेवक ने इसमें विश्वास किया है।’’
आंबेकर ने कहा कि एक लंबी यात्रा में, कामकाज से संबंधित मामले अनिवार्य रूप से सामने आते हैं, लेकिन संगठन के पास इन मुद्दों को हल करने के लिए एक तंत्र है।
आंबेकर से लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की ओर से दिये गए उस बयान के बारे में भी पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी उस दौर से काफी आगे निकल चुकी है, जब उसे आरएसएस की जरूरत थी और अब वह अपना काम खुद संभालने में सक्षम है।
इसके जवाब में आंबेकर ने कहा, ‘‘अन्य मुद्दों का समाधान किया जायेगा। यह पारिवारिक मामला है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या परिवार में सब कुछ ठीक है, उन्होंने जवाब दिया, ‘‘बिल्कुल।’’
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने पश्चिम बंगाल की घटना को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ और ‘चिंताजनक’ करार दिया।
आंबेकर ने सोमवार को कहा कि स्कूल और कॉलेज स्तर की छात्राओं के साथ-साथ कामकाजी महिलाओं को ‘आत्मरक्षा’ के लिए आत्मरक्षा कौशल प्रदान किया जाना चाहिए ताकि ऐसे हमलों से खुद को बचाने के लिहाज से उन्हें सशक्त बनाया जा सके।
तीन दिन तक चली समन्वय बैठक के समापन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आंबेकर ने कहा कि अत्याचारों का शिकार होने वाली महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए कानूनों और दंडात्मक कार्रवाइयों की समीक्षा करने की जरूरत है।