नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स अभी स्पेस में ही फंसे हुए हैं। बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में प्रॉब्लम के चलते इन दोनों की वापसी का प्लान डिले हो चुका है।
बताया जा रहा है सुनीता और विल्मोर अब 2025 में वापस लौटेंगे। इस बीच बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में एक नई समस्या होने की बात सामने आई है।
बुच विल्मोर का दावा है कि उन्होंने इस स्पेसक्राफ्ट में अजीब तरह की आवाजें सुनी हैं। मिशिगन में बेस्ड मीट्रियोलॉजिस्ट रॉब डेल ने विल्मोर और मिशन कंट्रोल के बीच बातचीत को एक्स पर साझा किया है।
गौरतलब है कि बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में परेशानी के चलते ही बिना क्रू के इसे वापस लाया जा रहा है। फिलहाल बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रुके हुए हैं।
बुच विल्मोर ने अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर के मिशन कंट्रोल से बातचीत के दौरान इसका जिक्र किया।
इसमें नियमित अंतराल पर कुछ चलने की आवाज आ रही है। बुच विल्मोर अपना फोन स्पीकर की दिशा में करते हैं ताकि मिशन कंट्रोल को आवाज स्पष्ट सुनाई दे।
पहली बार साफ सुनाई नहीं देने पर वह दोबारा प्रयास करते हैं। यह बात ऐसे वक्त पर सामने आई जब बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट दो दिन के बाद वापसी की उड़ान भरने वाला है।
मिशन कंट्रोल के मुताबिक यह ऐसी आवाज है, जैसे कोई मैसेज भेजा जा रहा है। शुरुआती जांच के बाद पता चला है कि यह आवाज स्पेसक्राफ्ट में लगे स्पीकर से आ रही थी।
मिशन कंट्रोल ने बुच विल्मोर को आश्वस्त किया है कि वह लोग इस आवाज की एनालिसिस करेंगे और जो भी पता चलेगा उसकी जानकारी देंगे। बोइंग स्टारलाइनर शुक्रवार तक वापसी की उड़ान भरने वाला है। योजना के मुताबिक इसे न्यू मेक्सिको के रेगिस्तान में लैंड कराया जाना है।
बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर एक हफ्ते के लिए अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे। लेकिन स्पेसक्राफ्ट में हिलियम लीकेज और थ्रस्टर में खराबी आने के चलते दोनों वहां फंस गए हैं।
इन दोनों की वापसी अब फरवरी 2025 तक डिले हो गई है। तब दोनों स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से वापस धरती पर आएंगे। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अपने स्टे के दौरान दोनों अंतरिक्ष यात्री वैज्ञानिक शोध और मेंटेनेंस टास्क को अंजाम दे रहे हैं।
अंतरिक्ष में 400 से ज्यादा दिन गुजार चुकीं सुनीता विलियम्स ने विभिन्न प्रोजेक्ट्स में अहम रोल निभाया है। इसके अलावा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर विभिन्न प्रयोगों में भी उनकी भागीदारी रही है।