UPS को लेकर दुविधा में दक्षिणी राज्य, चुनाव से पहले केरल, तमिलनाडु में मंथन…

तमिलनाडु और केरल में अगले दो साल में विधानसभा चुनाव होने हैं।

ऐसे में दक्षिणी राज्य केंद्र द्वारा 24 अगस्त को घोषित एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) पर मंथन कर रहे हैं। फिलहाल दक्षिण के चार राज्य में विपक्षी पार्टियों की सरकार है और वे पहले से ही चुनाव-पूर्व गारंटी की घोषणाओं को वजह से आर्थिक बोझ से दबे हुए हैं।

केरल और तमिलनाडु में 2026 में चुनाव होने हैं। वहीं कर्नाटक और तेलंगाना में पिछले साल विधानसभा चुनाव हुए थे जबकि आंध्र प्रदेश में अभी-अभी नई सरकार बनी है।

UPS सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति पर एक सुनिश्चित पेंशन राशि प्रदान करता है। नियोक्ता जहां मूल वेतन और डीए का 18.5% योगदान देंगे वहीं कर्मचारी हर महीने मूल वेतन और डीए का 10% देंगे। UPS पर स्विच करने का मतलब होगा कि राज्य अपना हिस्सा बढ़ाकर 18.5% कर देंगे।

हाल ही में कर्नाटक ने दो महीने से भी कम समय पहले सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बड़ी वृद्धि की घोषणा की थी जिससे सालाना 20,206 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च होगा।

कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा जो जीएसटी परिषद में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करते हैं ने UPS पर बात करते हुए इकोनॉमिक टाइम्स को बताया, “हमें अभी पूरी जानकारी नहीं मिली है। हम इस पर सकारात्मक और खुले दिमाग से सोचेंगे।”

गौड़ा ने NPS के बारे में कर्मचारी यूनियन की चिंताओं पर बात करते हुए कहा कि लोगों के प्रति अपने बड़े सामाजिक दायित्वों को पूरा करना सरकार का संवैधानिक दायित्व भी है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह तय करना होगा कि बजटीय खर्च का कितना हिस्सा कर्मचारियों की लागत और लोगों की ओर खर्च किया जाना चाहिए।

कर्मचारी संघ कर रहे हैं OPS की मांग

गौरतलब है कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत राज्य मूल वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) का 14% योगदान करते हैं जबकि कर्मचारी हर महीने मूल वेतन और डीए का 10% योगदान करते हैं।

हालांकि केरल अपनी खराब वित्तीय हालत की वजह से 10% का ही योगदान दे रहा है। वहीं कर्मचारी संघ पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से शुरू करना चाहते हैं। हालांकि इससे आर्थिक दबाव और बढ़ जायेगा।

केरल में समिति का गठन

मामले से परिचित लोगों ने बताया कि तमिलनाडु और कर्नाटक UPS पर स्विच करने के फायदों का अध्ययन कर रहे हैं लेकिन बहुत कुछ कांग्रेस पार्टी के रुख पर निर्भर करता है।

केरल के कानून मंत्री पी राजीव ने कहा कि उनके राज्य ने नई पेंशन योजना पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की जांच के लिए मंत्रियों की एक समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा है कि यूपीएस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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