मणिपुर में एक बार फिर तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
कुकी समुदाय ने शनिवार को आदिवासी बहुल इलाकों में तीन रैलियां निकालीं। इन रैलियों में लोग अलग प्रशासन की मांग पर अड़े हुए ते।
वहीं लोगों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के कथित ऑडियो क्लिप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं।उन्होंने चुराचांदपुर जिले के लेइशांग, कांगपोकपी के केइथेलमन्बी और तेंग्नौपाल के मोरेह में रैलियां निकालीं।
चुराचांदपुर में रैली लेइशांग के एंग्लो कुकी वॉर गेट से शुरू हुई और में समाप्त हुई। कुकी-जो समुदाय के छात्रों द्वारा आयोजित रैली के मद्देनजर जिले में सभी बाजार और स्कूल बंद रहे।
वहीं, आयुक्त (गृह) एन अशोक कुमार ने लोगों से व्यावसायिक प्रतिष्ठान और निजी संस्थान खुले रखने का अनुरोध किया।
कांगपोकपी में केइथेलमन्बी मिलिट्री कॉलोनी से शुरू हुई रैली में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने भाग लिया और उन्होंने आठ किलोमीटर की दूरी तय करते हुए जिला मुख्यालय में थॉमस मैदान तक मार्च किया।
कांगपोकपी रैली में शामिल एक प्रदर्शनकारी जी. किपगेन ने कहा, ‘कुकी-जो लोगों के लिए एक केंद्र शासित प्रदेश की हमारी मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है।
हमने ‘वायरल’ ऑडियो क्लिप के खिलाफ भी प्रदर्शन किया जिसमें आपत्तिजनक टिप्पणियां की गयी हैं। मणिपुर सरकार ने कहा था कि जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में शांति कदमों को बाधित करने के प्रयास के तहत सोशल मीडिया पर ऑडियो क्लिप प्रसारित की गईं और इसमें मुख्यमंत्री की आवाज होने का झूठा दावा किया गया है।
सरकार ने दावा किया था कि ऑडियो क्लिप में ‘छेड़छाड़’ की गई थी और राज्य पुलिस मामले की जांच कर रही है। भारत-म्यांमा सीमावर्ती शहर मोरेह में भी एक प्रदर्शन मार्च निकाला गया और अलग प्रशासन की मांग की गयी।
मुख्यमंत्री ने कुकी समूहों की अलग प्रशासन की मांग को सिरे से खारिज करते हुए खुद को राज्य के हित के पैरोकार और एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया है, जो इसकी पहचान को कमजोर नहीं होने देगा।
कुकी समुदाय की मांग को पहली बार स्पष्ट तौर पर खारिज किया गया है। नई दिल्ली में गुरुवार को कुकी-जो समुदाय के कुछ प्रतिनिधियों ने पुडुचेरी की तर्ज पर विधानसभा के साथ एक केंद्र-शासित प्रदेश के निर्माण की मांग की।
उन्होंने तर्क दिया कि यह टकराव खत्म करने का एकमात्र तरीका है। मेइती समुदाय से आने वाले सिंह मणिपुर में पिछले साल मई में भड़की जातीय हिंसा को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं।
कुकी संगठन उन पर जातीय हिंसा में मेइती समुदाय का पक्ष लेने का आरोप लगा रहे हैं। इस हिंसा के कारण मणिपुर के समाज में अभूतपूर्व ध्रुवीकरण देखने को मिल रहा है। एक आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, मई 2023 से अब तक कुकी-जो और मेइती जातीय समूहों के बीच झड़पों में 226 लोगों की मौत हो चुकी है।
बीजेपी नेता के घर में लगाई आग
चुराचांदपुर जिले में अज्ञात लोगों ने शनिवार को भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता माइकल लामजाथांग के पैतृक आवास में आग लगा दी।
हमले के दौरान तुइबोंग उपसंभाग के पेनियल गांव में घर के परिसर में खड़ी एक कार को भी आग लगा दी गई। इस घर पर पिछले सप्ताह भी हमला हुआ था।
पुलिस ने बताया कि चुराचांदपुर जिले के उपायुक्त धरुण कुमार एस ने जिला पुलिस अधीक्षक को जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए एक पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने लामजाथांग के घर पर ‘‘तीसरी बार’’ हुए हमले की निंदा की।