यूक्रेन की सेना की तरफ से कहा गया है कि रूस के खिलाफ चल रहे युद्ध में पश्चिमी देशों की तरफ से जो उसे कुछ अत्याधुनिक युद्धक विमान एफ-16 मिले थे, उनमें से एक दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।
इस दुर्घटना में यूक्रेनी सेना के एक अनुभवी पायलट की भी मृत्यु हो गई है। यूक्रेन और रूस के बीच इस जंग को काफी लंबा समय हो गया है।
इस युद्ध में पश्चिमी देश लगातार यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। इसी मदद के एक हिस्से के रूप में उन्होंनें अमेरिका में निर्मित यह आधुनिक विमान यूक्रेन को दिया था। इस विमान का उपयोग पाकिस्तान की वायुसेना भी करती है।
अमेरिका सहित तमाम नाटों देशों ने मिलकर रूस को करीब 60 युद्धक विमानों को देने का वादा किया है। लेकिन यह रूसी हवाईजहाज बेडे़ के सामने बहुत ही कम संख्या है।
रूस के जहाजी बेड़े में करीब 600 से ज्यादा युद्धक विमान है, जिनमें से कई अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं।
एक महीने पहले ही पहुंचे थे यूक्रेन, रूसी मिसाइलों के आगे तोड़ा दम
यूक्रेन की सेना ने फेसबुक पर एक पोस्ट जारी करते हुए कहा कि पिछले महीने यूक्रेन पहुंचे एफ-16 को रूसी मिसाइलों के सामने गिरना पड़ा।
रूस की तरफ से हमला की गई 4 मिसाइलों को पहले एफ-16 ने नष्ट कर दिया, लेकिन एक मिसाइल उसी दौरान विमान को लग गई, जिसके बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इसमें यूक्रेनी सेना के एक अनुभवी पायलट की भी मौत हो गई। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने इस दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है।
यूक्रेनी सेना ने प्रारंभिक जांच के आधार पर बताया कि मरने वाले पायलट की पहचान कर्नल एलेक्सी मूनफिस मेस के रूप में की।
कर्नल मूनफिस और उनके साथी एंड्री जूस पिल्शिकोव ने जून 2022 में अमेरिका की यात्रा की थी और वहां के सांसदों और मीडिया से बात करके एफ-16 भेजने का दवाब बनाया था।
यह दोनों ही यूक्रेनी वायुसेना के एक मुख्य अधिकारी थे। जूस की मृत्यु अगस्त 2023 में दुर्घटना में हो चुकी है तो वहीं अब मूनफिस ने भी अपने देश की रक्षा करते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया।
ट्रेनिंग में कमी बनी विमान के गिरने का कारण
यूक्रेन रूस के साथ अपने युद्ध की शुरूआत तक रूस द्वारा निर्मित युद्धक विमानों और हथियारों का ही इस्तेमाल करता रहा है।
इस युद्ध की शुरुआत के बाद जब यूक्रेन ने अमेरिका की मदद ली तो अमेरिका की तरफ से उसे एफ-16 विमान उपलब्ध कराए।
इस विमान की ट्रेनिंग सामान्यतः 3 साल की होती है, लेकिन युद्ध की स्थिति और जरूरत को देखते हुए इस ट्रेनिंग को केवल 16 महीने में ही खत्म कर दिया। रूसी तकनीक के विमानों का इस्तेमाल करने वाले यूक्रेनी पायलटों के लिए यह एक नई तकनीक थी।
अमेरिका की बाइडेन सरकार ने अगस्त 2023 में एफ-16 को यूक्रेन की मदद के लिए भेजने का फैसला किया था।
हालांकि इसके लिए अमेरिका में भी कई तरह की बहस हुई थी कि इस फैसले की वजह से रूस के साथ रिश्ते और भी ज्यादा बिगड़ जाएंगे। लेकिन इन सबके बाद भी बाइडेन सरकार ने यूक्रेन को यह विमान देने का फैसला किया।
पाकिस्तान भी करता है F-16 विमानों का इस्तेमाल
अमेरिका ने इन विमानों को पाकिस्तान की सरकार को भी दे रखा है। हालांकि अमेरिका ने इसके लिए पाकिस्तान की सरकार और सेना पर यह शर्त लगाई है कि वह इनका इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ ना करके केवल आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों को करने के लिए करेगा।
भारत ने जब बालाकोट एयर स्ट्राइक की थी तो पाकिस्तान की एयरफोर्स ने अगले दिन भारत की वायु सीमा का उल्लंघन करने का प्रयास किया था।
तब भारत के पायलट अभिनंदन वर्थमान ने अपनी जान की बाजी लगाते हुए अपने पुराने विमान से इस युद्धक विमान के छक्के छुड़ा दिए थे।
इस संघर्ष में भारत का एक पुराना रूस में निर्मित विमान दुर्घटना ग्रस्त हो गया था तो वहीं पाकिस्तान का एफ-16 विमान भी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।