कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है।
इस मामले में एक वायरल तस्वीर ने विवाद खड़ा कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि वायरल तस्वीर उस जगह की है जहां ट्रेनी डॉक्टर से रेप और फिर हत्या की गई थी।
तस्वीर में नजर आ रहा है कि इस कथित क्राइम स्पॉट पर कई लोग मौजूद हैं। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि इतने लोगों की सेमिनार हाल में मौजूदगी के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ संभव है।
वहीं कोलकाता पुलिस की डीसी (सेंट्रल) इंदिरा मुखर्जी ने शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग में इस विवाद पर स्पष्टता दी।
उन्होंने कहा कि फोटो में दिख रहे सभी लोग जांच प्रक्रिया का हिस्सा थे और उन्हें अधिकृत तरीके से घटनास्थल पर जाने की अनुमति थी।
मुखर्जी ने कहा, “एक विशेष न्यूज चैनल ने सेमिनार हॉल की वीडियो और तस्वीरें दिखाई हैं, जिसमें कई लोग खड़े और बात करते हुए दिख रहे हैं। उस दौरान ये नहीं बताया गया कि ये लोग कौन हैं।”
मुखर्जी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “आरोप लगाया गया है कि शायद कुछ लोग वहां थे, जिन्हें वहां नहीं होना चाहिए। यह भी आरोप लगे हैं कि वहां सबूतों से छेड़छाड़ की गई है।
हमने उस वीडियो से एक तस्वीर ली है और सभी व्यक्तियों की पहचान कर ली है जो इस तस्वीर में थे।
उन्होंने बताया कि यह फोटो इन्क्वेस्ट प्रक्रिया पूरी होने के बाद ली गई थी और उस समय हॉल में वीडियोग्राफर, पुलिस कमिश्नर, अतिरिक्त सीपी-1, महिला पुलिसकर्मी, फॉरेंसिक अधिकारी और अन्य पहचाने गए लोग जैसे गवाह डॉक्टर, फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट और डिटेक्टिव विभाग के एसीपी मौजूद थे।
मुखर्जी ने कहा, “किसी भी व्यक्ति को इस क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई जो अधिकृत नहीं था। जांच प्रक्रिया से जुड़े बिना कोई भी वहां नहीं गया।”
इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि क्राइम स्पॉट को उनकी जिम्मेदारी संभालने से पहले बदल दिया गया था।