इजरायल और हमास पोलियो टीकाकरण अभियान के लिए गाजा पट्टी में लड़ाई को तीन अलग-अलग क्षेत्रों में, तीन दिनों के लिए रोकने पर सहमत हुए हैं।
यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अधिकारी ने गुरुवार को दी।
वेस्ट बैंक और गाजा के डब्ल्यूएचओ कार्यालय के प्रमुख रिक पीपरकोर्न ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि गाजा में पोलियो टीकाकरण अभियान एक सितंबर से शुरू होगा।
पीपरकोर्न के अनुसार, समझौता स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच होने के लिए है, जो मध्य गाजा में लड़ाई में तीन दिन के विराम के साथ शुरू होगा, फिर दक्षिणी गाजा में एक और तीन दिवसीय विराम और उसके बाद उत्तरी गाजा में तीन दिवसीय विराम।
यह अभियान लगभग 6,40,000 बच्चों को लक्षित करता है, जिसमें जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को टीके की दो खुराक दी जाती है। गाजा पट्टी में इस महीने की शुरुआत में 25 वर्षों में पोलियोवायरस संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया गया।
पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह मुख्य रूप से मल-मौखिक मार्ग के माध्यम से व्यक्ति-से-व्यक्ति में फैलता है या सामान्यतः दूषित पानी या भोजन के माध्यम से।
WHO के डिप्टी डायरेक्टर माइकल रायन ने कहा, हम चाहते हैं कि पोलियो अभियान को लेकर जो भी समझौता किया या है उसका दोनों ही पक्ष पालन करें।
अंतररीष्ट्रीय स्तर पर पोलियो को फैलने से रोकने के लिए 90 फीसदी कवरेज जरूरी है। उन्होंने कहा कि गाजा में NoPV2 की 12.6 करोड़ डोज दी गई हैं ।
वहीं 4 लाख डोज फइर पहुंची हैं। कार्यकर्ता घर-घार जाकर पोलियों ड्रॉप की दो बूंद पिलाएंगे। ऐसे में युद्धविराम बहुत जरूरी है।
इजरायल में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि डब्लूएचओ और यूनीसेफ के साथ मिलकर गाजा पट्टी में पोलियो अभियान चलाने में इजरायल पूरी मदद करेगा।
हमास ने भी मुद्दे को मानवीय बताकर समर्थन करने की बात कही है। यूएस और यूरोपियन यूनियन ने भी गाजा में पोलियो को लेकर चिंता जताई थी।
यहां 25 साल बाद पोलिया का पहला केस पाया गया था। 10 महीने के एक बच्चे में पोलियो के लक्षण देखे गए थे।