प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
हरतालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव व माता पार्वती की रेत या मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजन करती हैं।
मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य प्रभाव से सुखद वैवाहिक जीवन व संतान की प्राप्ति होती है। हरतालिका तीज की उत्पत्ति व इसके नाम का महत्व एक पौराणिक कथा से मिलता है।
हरतालिका शब्द हरत व आलिका से मिलकर बना है, जिसका क्रमशः अर्थ है अपहरण व सहेली।
हरतालिका तीज की कथा के अनुसार, पार्वती जी की सखियां उनका अपहरण करके उन्हें घने जंगल ले गई थीं, ताकि पार्वती जी की इच्छा के खिलाफ उनके पिता उनका विवाह भगवान विष्णु से न कर दें।
हरतालिका तीज कब है: तृतीया तिथि 05 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से प्रारंभ होगी जो कि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि में हरतालिका तीज व्रत 06 सितंबर 2024, शुक्रवार को रखा जाएगा।
सुबह के समय हरतालिका पूजन मुहूर्त- हरतालिका पूजा के लिए सुबह का समय सबसे शुभ व उत्तम माना गया है। इस साल दिक्र पंचांग के अनुसार, प्रातःकाल हरितालिका पूजा मुहूर्त 06 सितंबर को सुबह 06 बजकर 01 मिनट से शुरू होगा और सुबह 08 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि 02 घंटे 31 मिनट की है।
हरतालिका तीज पर बन रहे ये चौघड़िया मुहूर्त-
हरतालिका तीज पर पूजन के लिए कई चौघड़िया मुहूर्त बन रहे हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, चौघड़िया मुहूर्त सुबह 06 बजकर 01 मिनट से सुबह 07 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
इसके अलावा चौघड़िया मुहूर्त सुबह 07 बजकर 35 मिनट से सुबह 09 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। चौघड़िया पूजन मुहूर्त सुबह 09 बजकर 10 मिनट से सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
शाम के समय पूजन का मुहूर्त शाम 05 बजकर 01 मिनट से शाम 06 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।
यह सभी शुभ चौघड़िया मुहूर्त हैं, इस अवधि में पूजा-पाठ करना अत्यंत शुभ माना गया है।