बॉलीवुड अभिनेत्री और हाल ही में सांसद बनी कंगना रनौत ने जातिगत जनगणना के खिलाफ अपना स्पष्ट मत व्यक्त किया है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘साथ रहेंगे, नेक रहेंगे’ बयान को दोहराते हुए कहा कि जातिगत जनगणना नहीं होनी चाहिए।
कंगना ने हाल ही में दिए अपने इंटरव्यू में जातिगत जनगणना पर अपनी राय रखी, जिसमें उन्होंने जाति के आधार पर आंकड़े जुटाने को अनुचित और अव्यावहारिक बताया।
दी लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा, “जातिगत जनगणना पर मेरा वही स्टैड है जो योगी आदित्यनाथ जी का है – साथ रहेंगे, नेक रहेंगे, बंटेंगे तो कंटेंगे।
जातिगत जनगणना बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने आस-पास के लोगों की जाति की जानकारी नहीं है और ऐसे में जाति का पता लगाने की आवश्यकता क्यों है, यह एक प्रश्न है।
कंगना ने जोर देते हुए कहा कि आज तक जाति के आंकड़े नहीं जुटाए गए, तो अब क्यों इस प्रक्रिया की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
इस बीच, कंगना रनौत बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में रही हैं। हाल ही में, शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान ने कंगना पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसमें बलात्कार का उल्लेख किया गया था।
इस पर कंगना ने तीखी प्रतिक्रिया दी और मान पर महिलाओं के खिलाफ अपराध की गंभीरता को कमतर करने का आरोप लगाया।
कंगना ने कहा कि मान की टिप्पणी से यह जाहिर होता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की जड़ें इस पितृसत्तात्मक मानसिकता में गहराई से व्याप्त हैं कि इनका इस्तेमाल राजनीतिक और फिल्म उद्योग के विवादों में भी किया जाता है।
कंगना ने हाल ही में एक साक्षात्कार की क्लिप भी पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर देश में मजबूत नेतृत्व नहीं होता, तो भारत में भी ‘बांग्लादेश जैसी स्थिति’ उत्पन्न हो सकती थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन के दौरान लाशें लटक रही थीं और बलात्कार हो रहे थे।
कंगना ने मान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और हिंसा इतनी गहराई से पितृसत्तात्मक मानसिकता में बसी हुई हैं कि इनका उपयोग विवादों और मजाक का हिस्सा बनाया जाता है।