240 वाली जीत के बाद भी कितने लोग साथ, भाजपा सदस्यता अभियान से आंकेगी ताकत…

भाजपा जनवरी 2025 तक नए अध्यक्ष का चुनाव करने वाली है।

इससे पहले पार्टी सदस्यता अभियान चलाने जा रही है, जिसके पहले चरण की शुरुआत 2 सितंबर से होगी। इसके तहत मिस्ड कॉल, वॉट्सऐप और नमो ऐप के जरिए लोगों को भाजपा का सदस्य बनने का मौका मिलेगा।

इसके अलावा क्यूआर कोड स्कैन करके भी मेंबरशिप ली जा सकती है। भाजपा अकसर सदस्यता अभियान चलाती है।

लेकिन इस बार यह अहम है क्योंकि लोकसभा चुनाव में 240 सीटें जीतने के बाद वह देखना चाहेगी कि आखिर लोगों में उससे जुड़ने के लिए कितना उत्साह है।

इससे पहले 2015 में जब अमित शाह के नेतृत्व में व्यापक अभियान चला था तो भाजपा ने 18 करोड़ मेंबर्स का दावा किया था।

इसके आधार पर ही भाजपा ने खुद को दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल कहना शुरू किया था। भाजपा के महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि पार्टी हर 6 महीने पर सक्रिय सदस्यतों को दोबारा से मेंबरशिप देती है। कोरोना के चलते यह प्रक्रिया रुक गई थी।

पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा इस अभियान का 2 सितंबर की शाम को शुभारंभ करेंगे। वहीं नए सदस्यों के लिए भाजपा हर तीन साल पर अभियान चलाती है। मिस्ड कॉल से मेंबर बनाने वाले कॉन्सेप्ट भी अमित शाह के अध्यक्ष रहने के दौरान ही साम ने आया था।

इस बार भाजपा यह देखना चाहेगी कि उसके साथ कितने मेंबर जुड़ते हैं। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अबकी बार 400 पार का नारा दिया था, लेकिन नतीजे आए तो 240 पर ही ठहर गई।

ऐसे में वह अपनी ताकत को भी आंकना चाहेगी कि आखिर जमीनी स्तर पर अब भी कितने लोग उसके साथ जुड़ने के इच्छुक हैं।

इसके अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को भी ऐक्टिव करने की कोशिश की जाएगी। माना जा रहा है कि पिछला रिकॉर्ड तोड़ पाना पार्टी के लिए आसान नहीं होगा।

इसके अलावा सक्रिय सदस्यों की संख्या को बढ़ाने के लिए भी पार्टी को जोर लगाना पड़ेगा। बता दें कि भाजपा में सक्रिय सदस्य ही पार्टी के संगठन चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं।

इन्हीं कार्यकर्ताओं को मंडल अध्यक्ष से लेकर ऊपर तक के पदों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलता है। सदस्यता अभियान के पहले चरण की शुरुआत 25 सितंबर से होगी, जबकि दूसरा राउंड 1 से 15 अक्टूबर तक चलेगा।

पार्टी इस अभियान के दौरान यूपी, बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान जैसे इलाकों में लोगों का रुख जानना चाहेगी। वह देखना चाहेगी कि लोगों का रुख उसके प्रति गर्माहट भरा है या फिर लोग भाजपा से जुड़ने के लिए उदासीन हैं।

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