चंद्रयान-3 की अपार सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ऐतिहासिक गगनयान मिशन की तैयारी कर रहा है।
अगले साल इसरो गगनयान मिशन में तीन एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसरो ने गगनयान मिशन के लिए बड़ी खुशखबरी दी है।
गगनयान से पहले इसी साल सितंबर महीने तक मानव रोबोट व्योममित्र को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी है। इसरो का कहना है कि रोबोट की खोपड़ी का डिजाइन तैयार कर लिया है।
गगनयान मिशन के लिए इसरो ने महिला रोबोट व्योममित्र को तैयार कर लिया है। यह अंतरिक्ष यात्रियों की तरह काम करेगी। यह गगनयान के क्रू मॉड्यूल को पढ़ेगी और जरूरी निर्देशों को समझेगी।
इसके साथ ही यह ग्राउंड स्टेशन में मौजूद वैज्ञानिकों और मिशन की टीम से सम्पर्क करके बात करेगी। इस मानवरहित मिशन के परिणाम ही इंसानों के अंतरिक्ष में जाने का रास्ता खोलेंगे।
इसरो की तिरुवनंतपुरम टीम ने महिला रोबोट व्योममित्र के लिए खोपड़ी का डिजाइन तैयार कर लिया है। इसका वजन 800 ग्राम है और माप 200 मिमी x 220 मिमी है।
मानव रोबोट व्योममित्र की तैयार खोपड़ी अंतरिक्ष में दबाव और कंपन को सहन करने के लिए उच्च शक्ति वाले एल्यूमीनियम मिश्र धातु से बनी है। व्योममित्र इंसानी शरीर के ऊपरी भाग जैसा होगा, जिसमें मानव जैसी भुजाएं, चेहरा और गर्दन भी होगी।
यह इंसानों जैसे कार्य करने और अंतरिक्ष यात्रा के प्रभावों का आकलन करने के लिए सेंसर से लैस होगी।
आईआईएसयू के निदेशक पद्म कुमार ईएस ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “व्योममित्र गगनयान मिशन में उड़ान भरने वाले अर्ध-मानव की तरह है। इसका ग्राउंड क्वालिफिकेशन परीक्षण पूरा हो चुका है। उड़ान प्रणाली का निर्माण हो चुका है और स्वीकृति परीक्षण अभी प्रगति पर है।”
व्योममित्र को पहले स्पेस क्यों भेज रहा इसरो
इसरो की टीम गगनयान मिशन में किसी इंसान को अंतरिक्ष में भेजने से पहले व्योममित्र को अंतरिक्ष भेज रहा है। मानव रोबोट को सितंबर 2024 तक अंतरिक्ष भेजने की तैयारी है।
इसके पीछे का उद्देश्य मानव शरीर पर अंतरिक्ष यात्रा के प्रभावों पर महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करना है। इससे वैज्ञानिकों को अगले साल अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित और आरामदायक उड़ान के लिए अंतरिक्ष कैप्सूल को डिजाइन करने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि अंतरिक्ष में मानव भेजने के लिए तैयार हो रहा गगनयान मिशन इसरो का पहला प्रयास है। लेकिन उससे पहले इसरो दो मानवरहित मिशन, गगनयान-1 (G1) और गगनयान-2 (G2) को लॉन्च करेगा।
ये दोनों मिशन इस साल के अंत तक ल़ॉन्च किए जाएंगे।
इसके बाद अगले साल गगनयान मिशन में तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को तीन दिनों के लिए पृथ्वी की सतह से लगभग 400 किमी दूर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।