प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है।
भाद्रपद मास में सोमवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है। इस दिन को भादो अमावस्या या भादी अमावस्या के नाम से भी जानते हैं।
सोमवती अमावस्या के दिन लोग ब्रह्म मुहूर्त में स्नान, दान व तर्पण करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जानें भाद्रपद माह की सोमवती अमावस्या पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त-
सोमवती अमावस्या कब है: भाद्रपद कृष्ण अमावस्या 02 सितंबर को सुबह 05 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी और 03 सितंबर को सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। सोमवती अमावस्या 02 सितंबर 2024, सोमवार को मनाई जाएगी।
सोमवती अमावस्या स्नान व दान का शुभ मुहूर्त- सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 38 मिनट से सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। पूजा मुहूर्त सुबह 06 बजकर 09 मिनट से सुबह 07 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
सोमवती अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए-
सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान आदि करने के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन गरीब या जरूरतमंद को अपनी क्षमता अनुसार दान देना चाहिए।
अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से जीवन में खुशहाली आती है।
अमावस्या के दिन भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र जाप करना चाहिए। साथ ही भगवान शिव के अभिषेक से विशेष लाभ मिलती है। मान्यता है कि ऐसा आर्थिक तंगी दूर होती है और धन आगमन के मार्ग खुलते हैं।
इन मुहूर्त में न करें पूजन व दान: सोमवती अमावस्या के दिन सुबह 07:34 से सुबह 09:09 तक राहुकाल रहेगा। इसके बाद सुबह 10:44 बजे से 12:20 बजे तक यमगण्ड रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र में राहुकाल व यमगण्ड को अशुभ माना गया है। ऐसे में इन मुहूर्त में किसी भी शुभ काम की मनाही होती है।