भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस दौरान राजदूत ने भारतीय दूतावास की सुरक्षा का मुद्दा उठाया।
मुलाकात के दौरान उन्होंने शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिहाज से बांग्लादेश के साथ काम करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
नोबेल पुरस्कार विजेता 84 वर्षीय यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की स्थापना सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व में हुए अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देकर भारत चले जाने के कुछ दिनों बाद की गई थी।
ढाका में भारतीय उच्चायोग ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एचसी प्रणय वर्मा ने आज बांग्लादेश की सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस से परिचयात्मक मुलाकात की। शांति, सुरक्षा और विकास के लिए भारत-बांग्लादेश के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।’’
‘डेली स्टार’ अखबार ने बताया कि वर्मा ने सरकारी गेस्टहाउस ‘जमुना’ में यूनुस के साथ अपनी बैठक के दौरान ढाका स्थित अपने उच्चायोग सहित बांग्लादेश में अपने दूतावास और अन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।
अखबार की खबर के अनुसार, मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा है कि सरकार ने पहले ही पूरे राजनयिक क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी है।
बैठक के दौरान अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। यूनुस ने भारत के साथ अपने व्यक्तिगत अच्छे संबंधों के बारे में भी बात की जहां उनके कई दोस्त हैं। ‘यूनुस सेंटर’ 18 भारतीय विश्वविद्यालयों में कार्यरत है।