पिछले 10 महीने से हमास के चल रहे जंग के बाद अब इजरायली सैन्य खुफिया प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया है।
बुधवार को विदाई समारोह में 7 अक्टूबर को देश की सीमा की सुरक्षा ना कर पाने की जिम्मेदारी ली। 38 साल से भी ज्यादा समय तक सेना से जुड़े रहे मेजर जनरल अहरोन हालिवा ने अप्रैल में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी।
इस दौरान जनरल अहरोन ने माना कि वे इजरायल के इतिहास में सबसे बड़े हमले का पता लगाने और उसे रोकने में असफल रहे। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला कर पूरे क्षेत्र में तबाही मचाई थी।
बुधवार को समारोह में हालिवा ने कहा, “खुफिया कॉर्प्स की असफलता मेरी गलती थी। हालिवा ने इजरायल और हमास के बीच युद्ध की वजहों का का गहराई से पता लगाने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की जांच बैठने की भी बात की है।
7 अक्टूबर के हमले से इजरायली सेना और खुफिया सेवाओं की प्रतिष्ठा को बेहद नुकसान पहुंचा था। 7 अक्टूबर की सुबह के एक तीव्र रॉकेट हमले के बाद हमास और अन्य समूहों के हजारों लड़ाकों ने गाजा के चारों ओर सुरक्षा घेरों को तोड़ दिया था।
इससे इजरायली सेना को संभलने का मौका नहीं मिला। इन समूहों ने दक्षिणी इजरायल में जमकर उत्पात मचाया।
इजरायल के आंकड़ों के मुताबिक इस हमले में लगभग 1,200 इजरायली और विदेशी मारे गए जिनमें से ज्यादातर आम लोग थे।
हमास ने लगभग 250 लोगों को गाजा में बंदी भी बना लिया था। माना जाता है कि लगभग 109 बंधक अभी भी गाजा में हैं जिनमें से लगभग एक तिहाई के के बचने की उम्मीद नहीं है।
सशस्त्र बलों के प्रमुख लेफ्टिनेंट-जनरल हर्ज़ी हलेवी और घरेलू खुफिया एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार दोनों ने हमले के बाद जिम्मेदारी स्वीकार की लेकिन गाजा में युद्ध जारी रहने के बीच वे पद पर बने हुए हैं।