पिछले साल इसरो ने भारत के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड करवा के इतिहास रच दिया था।
23 अगस्त को इस ऐतिहासिक घटना के एक साल पूरे होने वाले हैं। चंद्रयान-3 से भारत को चंद्रमा के बारे में कई ऐसी जानकारियां हाथ लगीं, जोकि वैज्ञानिकों को पहले नहीं मालूम थीं।
अब एक साल होने से कुछ दिन पहले स्पेस सेक्टर को लेकर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि देश के स्पेस सेक्टर में और अधिक इन्वेस्टमेंट की जरूरत है तथा उन्होंने प्राइवेट कंपनियों से अतिरिक्त स्पेस इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए आग्रह किया।
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा, ”हमें स्पेस सेक्टर में और अधिक निवेश करना होगा। अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए हमें मिलने वाली रकम कई अन्य देशों की तुलना में काफी कम है, जिनके पास पूर्ण विकसित अंतरिक्ष कार्यक्रम हैं। हमें इस क्षेत्र में और अधिक निवेश करने के तरीके खोजने की जरूरत है।”
भारत उन देशों में शामिल हैं, जिनके पास अपनी जमीन से उपग्रह बनाने और लॉन्च करने की क्षमताएं हैं। इस पर बात करते हुए इसरो चीफ सोमनाथ ने कहा, ”हमें इसे बनाए रखना है और इसपर आगे बढ़ना होगा। इसे ज्यादा किफायती व आसान बनाना होगा।”
इसरो चीफ ने आगे कहा कि आने वाले समय में यह भी पूछा जाएगा कि इस सेक्टर में कौन निवेश करेगा और निवेश करने पर क्या रिटर्न मिलने वाला है।
ऐसे में इन सबको लेकर सावधानीपूर्वक योजना बनाने की जरूरत है। उन्होंने आगे यह कहा कि जब साल 2008 में चंद्रयान-1 के साथ चांद पर जाने का फैसला किया गया, तो यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर था।
हमने सैटेलाइट्स को लॉन्च शुरू करने के बाद से ही कई मिशन चलाए हैं, लेकिन चंद्रमा पर समर्पित मिशन चलाना बहुत मुश्किल था। इसकी वजह से इसरो की दिशा बदल गई।