केंद्र सरकार ने अस्पतालों में तीमारदारों को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत केंद्र के अस्पतालों में मरीजों के साथ रहने वाले लोगों की संख्या सीमित कर दी गई है।
खास बात है कि सरकार ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है, जब कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है।
साथ ही डॉक्टर लगातार सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।
सरकार ने केंद्र के सभी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि सिर्फ एक या दो तीमारदारों को ही मरीज के साथ रुकने की अनुमति दी जाए।
खास बात है कि इनमें मरीजों से मिलने का समय भी शामिल है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने तीमारदारों के लिए पास सिस्टम शुरू करने की भी हिदायत दी है, ताकि भीड़ की स्थिति से बचा जा सके।
इसमें कुछ खास जगहों पर जाने पर रोक की बात भी शामिल है। साथ ही सरकार ने मैपिंग, अस्पताल परिसर और खासतौर से महिला स्वास्थ्यकर्मियों के काम करने के स्थानों, पार्किंग जैसी जगहों पर पर्याप्त लाइट की व्यवस्था को भी शामिल किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, महिला स्वास्थ्यकर्मियों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पर्याप्त सुरक्षित ड्यूटी रूम मुहैया कराए जाएं।
सुप्रीम कोर्ट भड़का
सुप्रीम कोर्ट ने ‘स्वत: संज्ञान’ सुनवाई करते हुए मंगलवार को 10 सदस्यीय एक नेशनल टास्क फोर्स (NTF) का गठन किया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि यह टास्क फोर्स चिकित्सा से संबंधित पेशेवरों की सुरक्षा,भलाई और अन्य संबंधित मामलों पर गौर करेगी।
शीर्ष अदालत की निगरानी वाला यह टास्क फोर्स चिकत्सिा पेशेवरों की सुरक्षा सुनश्चिति करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल तैयार करेगा।