सालों से चल रहा यूक्रेन और रूस युद्ध अब यूरोपिय देशों के लिए भी परेशानी का सबब बनता जा रहा है।
एक समय पर रूसी गैस का सबसे बड़ा खरीददार जर्मनी अब यूक्रेन की अतिरिक्त सहायता न करने की योजना बना रहा है।
एएफपी के अनुसार, यूक्रेन को अमेरिका के बाद सबसे बड़ी सहायता करने वाला जर्मनी अब अगले साल से सैन्य और वित्तीय सहायता को आधी करने की योजना बना रहा है।
लेकिन नाटो सदस्य होने के नाते जर्मनी सरकार को यूक्रेन की सहायता जारी रखनी होगी, इस समस्या से निपटने के लिये वह रूस के उस धन की सहायता लेंगे, जो कि उन्होंने अपने देश में फ्रीज कर रखा है।
जर्मनी अपने बजट में से 4 बिलियन यूरो यूक्रेन की मदद के लिए अलग से निकाल कर रखता है, इस साल उसने इस 4 बिलियन के साथ-साथ इतनी ही और राशि यानि कुल मिलाकर 8 बिलियन की मदद यूक्रेन को दी थी। लेकिन अब हालात दूसरे हैं जर्मनी की अब 4 बिलियन की सहायता राशि में और रकम जोड़ने की कोई योजना नहीं है।
एफपी के अनुसार, जर्मन वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अतिरिक्त मदद न करने की योजना से यूक्रेन को होने वाली हानि से जर्मन सरकार अच्छी तरह से परिचित है, इसलिए वह इस हानि को पूरा करने के लिये यूरोपिय देशों और जी7 के साथ मिलकर रूसी धन का उपयोग करने के विषय में बनने वाली योजना का हिस्सा है।
जर्मनी की आतंरिक राजनीति उसे यूक्रेन की अतिरिक्त मदद करने से रोक रही है। 2025 के जर्मन बजट पर पार्टियों के बीच में एक तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद वित्तमंत्री लिंडनर ने कहा था कि हमारा उद्देश्य राज्य को बहुत अधिक कर्जा लेने से रोकना है।
हालांकि जर्मन वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि वह यूक्रेन पर अतिरिक्त खर्च करने पर विचार करने को तैयार है यह हालातों पर निर्भर करेगा कि यूक्रेन को हमारी कितनी मदद की जरूरत है।
लंबे समय से जारी यूक्रेन- रूस युद्ध में पश्चिमी देशों की तरफ से यूक्रेन को लगातार मदद पहुंचाई जा रही है। रूस भी लगातार आरोप लगाता रहा है कि यूक्रेन की जगह पश्चिमी देश यह युद्ध लड़ रहे हैं।
यूक्रेन के सहयोगी देश अब एक योजना पर काम कर रहे हैं, जिसमें दुनियाभर में जब्त की गई रूस की संपत्ति का एक हिस्सा मास्को के खिलाफ युद्ध में कीव की सहायता के लिए दिया जाएगा।