पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान फिलहाल जेल में कैद है।
उनके ऊपर कई चार्ज हैं और कई मुकदमे पाकिस्तान की कोर्ट में चल रहे हैं। इन सबके बीच इमरान खान ने एक बड़ा कदम उठाया है।
पीटीआई के संस्थापक ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर पद के लिए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
पीटीआई के वरिष्ठ नेता जुल्फी बुखारी ने पुष्टि की कि इमरान खान ने 2024 में होने वाले चांसलर चुनाव के लिए आवेदन जमा किया है। बुखारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बात की जानकारी दी।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मौजूदा चांसलर क्रिस पैटन ने शैक्षणिक वर्ष 2023-2024 के लिए फरवरी 2024 में अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी।
इसके बाद विश्वविद्यालय ने नए चांसलर के चुनाव के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। चांसलर का चुनाव दीक्षांत समारोह के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिनमें से सभी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र होते हैं।
उम्मीदवार को नामांकित करने के लिए दीक्षांत समारोह के दो सदस्य आवश्यक होते हैं और यह जरूरी है कि उम्मीदवार की सामाजिक सेवाएं उल्लेखनीय हों।
इमरान खान और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से उनका नाता
इमरान खान का ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पुराना और गहरा संबंध है।
उन्होंने 1972 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद 1974 में ऑक्सफोर्ड के केबल कॉलेज से दर्शनशास्त्र, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी। इसके साथ ही वे 1974 में ऑक्सफोर्ड क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे।
यह पहला मौका नहीं है जब इमरान खान किसी विश्वविद्यालय के चांसलर पद के लिए उम्मीदवार बने हैं। इससे पहले वे 2005 से 2014 तक ब्रैडफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर थे लेकिन 2014 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
इमरान खान का यह निर्णय पाकिस्तान की सियासत में एक अहम मोड़ ला सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर वे चुने जाते हैं तो क्या उनके लिए जेल के ताले टूटेंगे या उन्हें पाकिस्तान की जेल से ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का काम संभालना होगा।