भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राकेश पाल का चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। राजेश पाल भारतीय तटरक्षक बल का 25वें महानिदेशक थे।
भारतीय नौसेना अकादमी के छात्र रहे राकेश पाल साल 1989 के जनवरी माह में भारतीय तटरक्षक बल में शामिल हुए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने चेन्नई में राकेश पाल को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।
अधिकारियों ने बताया कि पाल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भारतीय तटरक्षक बल के एक कार्यक्रम में शामिल होना था। उन्हें बेचैनी की शिकायत के बाद दिन में राजीव गांधी सामान्य अस्पताल (आरजीजीएच) में भर्ती कराया गया।
उनके निधन पर राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “आज चेन्नई में भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राकेश पाल के असामयिक निधन से मुझे गहरा दुख हुआ।”
उन्होंने कहा, “वह एक योग्य और प्रतिबद्ध अधिकारी थे, जिनके नेतृत्व में भारतीय तटरक्षक बल भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में बड़ी प्रगति कर रहा था। उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।”
राजेश पाल भारतीय नौसेना स्कूल द्रोणाचार्य, कोच्चि में गनरी और हथियार प्रणाली में पेशेवर विशेषज्ञता हासिल की थी। साथ ही ब्रिटेन से उन्होंने इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स फायर कंट्रोल सॉल्यूशन कोर्स भी किया था।
दिवंगत महानिदेशक राकेश पाल ने आईसीजी का पहला गनर होने की भी उपलब्धि हासिल की थी। 35 साल के करियर में राकेश पाल कई अहम पदों पर रहे।
पाल को समुद्री क्षेत्र में व्यापक अनुभव था और उन्होंने आईसीजी जहाजों की सभी श्रेणियों की कमान संभाली, जिनमें आईसीजीएस समर्थ, आईसीजीएस विजित और आईसीजीएस सुचेता कृपलानी शामिल हैं।
उनके नेतृत्व में तटरक्षक बल ने कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों और अभ्यासों का संचालन किया, जिनमें करोड़ों रुपये मूल्य की ड्रग्स, मादक पदार्थों और सोने की जब्ती शामिल थी।
उनकी असाधारण सेवा के लिए राकेश पाल को अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम), राष्ट्रपति तटरक्षक पदक और तटरक्षक पदक से सम्मानित किया गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी दीपा पाल और दो बेटियां- स्नेहल और तारुषि शामिल हैं।