अमेरिका ने फिलीपींस में मध्यम दूरी की मिसाइल प्रणाली को तैनात किया है।
इसे लेकर फिलीपींस के पड़ोसी देश चीन की टेंशन में इजाफा हो गया है। चीन ने अमेरिकी मिसाइल सिस्टम के तैनात होने पर अपनी सख्त आपत्ति दर्ज कराई है।
चीन की इस चिंता पर अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि यह मिसाइल सिस्टम केवल युद्धाभ्यास के लिए तैनात किया गया है।
इसे चीन या किसी अन्य देश के खिलाफ उपयोग करने की कोई मंशा नहीं है। फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक मानालो ने इस मामले पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।
इस मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान जब उनसे मिसाइल सिस्टम पर चीनी प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमनें उन्हें आश्वासन दिया है कि इसमें उनके लिए चिंता की कोई बात नहीं है। यह केवल युद्धाभ्यास का हिस्सा है।
दरअसल चीन का दावा है कि सबीना शोल जिसे जियानबिन रीफ के नाम से भी जाना जाता है यह चीनी क्षेत्र में हैं इस क्षेत्र पर फिलहाल फिलीपींस का कब्जा है और वह फिलीपींस की किसी भी गतिविधि पर इस समय बारीकी से नजर रख रहा है।
इसी दौरान अमेरिकी सेना ने अप्रैल में कहा था कि जमीन से मार करने वाली मध्यम दरी की मिसाइल प्रणाली उन्होंने फिलीपींस भेजी है।
अमेरिका की तरफ से भेजी गई इस प्रणाली का सैन्य अभ्यास के दौरान उपयोग नहीं किया गया। जब सभी सैन्य सामग्री इस दौरान फिलीपींस से बाहर ले जाया गया तो इसके साथ में इस मिसाइस सिस्टम को बाहर नहीं ले जाया गया।
हालांकि फिलीपींस की सेना की तरफ से कहा गया है कि यह मिसाइल सिस्टम इस महीने के अंत तक देश से बाहर चला जाएगा।
चीन और फिलीपींस का विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। चीन पूरे साउथ चाइना सी पर अपना दावा ठोकता है। अमेरिका और फिलीपींस इस क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख की निंदा करते हैं, जिसमें कई अन्य देशों के साथ ओवरलैपिंग दावे शामिल हैं।
हाल ही में चीन ने दादागिरी दिखाते हुए अपने समु्द्री नियमों में भी एकतरफा बदलाव किए थे, जिसके बाद चीन और फिलीपींस की नौसेना के बीच में टकराव की स्थिति बनी थी।
चीन ने फिलीपींस के जहाजों को कब्जे में लेकर उनके नाविकों को बंधी बना लिया था। फिर फिलीपींस ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जताई तब जाकर उन जहाजों को छोड़ा गया।
इसी कारण फिलीपींस में अमेरिका की जरा सी भी हरकत चीन के लिए एक बड़ा सरदर्द बन जाती है।