रक्षाबंधन पर 7 घंटे तक भद्रा का कहर, 1:30 बजे के बाद राखी बांधने के 3 उत्तम मुहूर्त…

प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):

 भाई-बहन के अटूट स्नेह का पावन पर्व रक्षाबंधन सावन महीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाएगा।

हमेशा पूर्णिमा तिथि पर भद्रा रहित मुहूर्त में ही राखी बांधनी चाहिए।

इस दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित सावन का अंतिम सोमवार भी पड़ रहा है। एक साथ दो संयोग से इस दिन का महत्व और बढ़ गया है।

हालांकि, पूर्णिमा तिथि 18 अगस्त को देर रात 03:04 बजे से शुरू हो जाएगी, जो 19 अगस्त को रात 12.28 बजे तक रहेगी। पाताल लोक की भद्रा सूर्योदय से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगी।

इस वजह से भद्रा काल में रक्षा बंधन का त्योहार नहीं मनाया जाएगा। भद्रा समाप्त होने के साथ ही शुभ चौघड़िया मुहूर्त में बहने अपने भाइयों को राखी बांध सकेंगी।

बहनों के लिए 19 अगस्त की राखी बांधने के 3 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। ऐसे में बहने चर, लाभ और अमृत योग में भाइयों की कलाई पर रेशम का धागा बांध सकती हैं।

कैसे बांधे राखी?

सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में भाई को राखी बांधने के लिए थाली सजाएं। थाली में चंदन, रोली, अक्षत, मिठाई, दीपक रखें। पूर्व दिशा की ओर आसन लगाकर भाइ को बैठाएं।

फिर भैया के माथे पर तिलक, अक्षत का टीका कर कलाई पर प्रेम और विश्वास का प्रतीक पवित्र रक्षा सूत्र बांधे। घी के दीपक से आरती उतारें।

मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराएं। बदले में भाई अपनी बहन की जन्म जन्मांतर तक रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।

साथ ही राखी के बदले अपनी प्यारी बहना को अपने सुविधा के मुताबिक उपहार देकर बड़ी बहन से आशीर्वाद और छोटी बहना को आशीर्वाद देते हैं।

पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि भद्रा समाप्त होने के बाद दोपहर 1.40 बजे से लेकर शाम 6.25 बजे तक रक्षाबंधन का त्योहार मनाना श्रेष्ठ एवं शुभ फलदायक होगा। इसके बाद भी मुहूर्त बना हुआ है।

उन्होंने बताया कि सौभाग्य, शोभन योग के साथ-साथ सिद्धि नामक औदायिक योग व्याप्त रहेगा। ग्रहों की स्थिति के आधार पर देखा जाए तो शश नामक पंच महापुरुष योग, बुधादित्य एवं लक्ष्मी नारायण योग का संयोग भी बनेगा, जो शुभ फलदायक होगा।

हालांकि, शाम 6.25 से रात 7.40 बजे तक और रात 10.30 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12 बजे तक मुहूर्त बना रहेगा। रात में 8:13 बजे से पंचक लगेगा अतः 8:13 से पूर्व ही रक्षाबंधन मनाना उत्तम रहेगा।

रक्षाबंधन 2024 मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अगस्त 19, 2024 को 03:04 ए एम बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त – अगस्त 19, 2024 को 11:55 पी एम बजे

रक्षा बन्धन अनुष्ठान का समय – 01:30 पी एम से 09:08 पी एम

अवधि – 07 घण्टे 38 मिनट्स

रक्षा बन्धन के लिये अपराह्न का मुहूर्त – 01:43 पी एम से 04:20 पी एम

अवधि – 02 घण्टे 37 मिनट्स

चर योग- दोपहर 02:00 बजे से 03:40 बजे तक

लाभामृत मुहूर्त- दोपहर 03:40 बजे से 06:56 बजे तक

अमृत – शाम 05:18 पी एम से 06:56 पी एम

रक्षा बन्धन के लिये प्रदोष काल का मुहूर्त – 06:56 पी एम से 09:08 पी एम

अवधि – 02 घण्टे 11 मिनट्स

रक्षा बन्धन भद्रा अन्त समय – 01:30 पी एम

रक्षा बन्धन भद्रा पूँछ – 09:51 ए एम से 10:53 ए एम

रक्षा बन्धन भद्रा मुख – 10:53 ए एम से 12:37 पी एम

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