सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपनी हत्या का डर जताया है।
उन्होंने अनवर सादात का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी भी हत्या की जा सकती है। सऊदी के राजकुमार का कहना है कि उन्होंने इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए अपना समर्थन दिया है।
इस कारण उनकी हत्या की जा सकती है। प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कथित तौर पर अमेरिकी सांसदों से कहा कि उन्हें शांति की अपनी कोशिशों के कारण मारे जाने का डर है।
पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, क्राउन प्रिंस ने संकेत दिया कि वह अभी भी यहूदी देश के साथ संबंध बनाना चाहते हैं, हालांकि उन्हें डर है कि इससे “उनकी जान जा सकती है”।
उन्होंने मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या का जिक्र किया। मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की 6 अक्टूबर 1981 को हत्या कर दी गई थी।
उनकी हत्या के मुख्य कारणों में से एक था उनका इजरायल के साथ शांति समझौता। 1979 में सादात ने इजरायल के प्रधानमंत्री मेनाकेम बेगिन के साथ कैंप डेविड समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे अमेरिका के राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने मध्यस्थता में आयोजित किया था। इस समझौते के बाद सादात को नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला था।
हालांकि, इस शांति समझौते के कारण कई अरब राष्ट्र और मिस्र के कट्टरपंथी इस्लामवादी समूह उनसे नाराज हो गए थे। उन्हें लगा कि सादात ने फिलिस्तीन के मुद्दे पर समझौता करके अरब जगत के हितों को नजरअंदाज किया है।
इन्हीं कारणों से इस्लामिक जिहाद संगठन के सदस्यों ने एक सैन्य परेड के दौरान सादात पर हमला कर उनकी हत्या कर दी। वे सेना के हिस्से के रूप में सैन्य वर्दी पहने हुए थे।
अब सऊदी प्रिंस को भी इसी तरह से मारे जाने का डर सता रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, बिन सलमान ने यूएस के सांसदों से पूछा कि “इस ऐतिहासिक शांति समझौते के बाद सादात की सुरक्षा के लिए अमेरिका ने क्या किया था।”
सऊदी प्रिंस ने आगे कहा, “सऊदी के लोग इस बारे में बहुत चिंतित हैं, और पूरे मध्य पूर्व में लोग इस बारे में बहुत चिंतित हैं।
इस्लाम के पवित्र स्थलों के रक्षक के रूप में मेरा कार्यकाल सुरक्षित नहीं होगा अगर मैं हमारे क्षेत्र में न्याय के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे को संबोधित नहीं करता हूं।”
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि मोहम्मद बिन सलमान “अमेरिका और इजरायल के साथ मेगा-डील करने का इरादा रखते हैं, इसे वह “अपने देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।”