राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं की शुक्रवार को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर आयोजित की गई, जिसमें मणिपुर में जारी हिंसा और केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित एक राष्ट्र एक चुनाव पर विमर्श किया गया।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करते हुए बताया कि सरकार क्षेत्र की बुनियादी ढांचा विकास पर ध्यान दे रही है और हिंसा को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही है।
रिजिजू ने यह भी कहा कि जमीन पर स्थिति में सुधार हुआ है, हालांकि मणिपुर में पिछले एक साल से हिंसा जारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित एक राष्ट्र एक चुनाव की योजना पर भी बैठक में चर्चा की गई। यह योजना लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने के उद्देश्य से लाई गई है।
भाजपा को इस योजना के कार्यान्वयन के लिए अपने सहयोगियों का समर्थन प्राप्त करना होगा।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने 2015 में ई.एम. सुदर्शन नचियप्पन की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों का उल्लेख किया, जिसने एक साथ चुनाव कराने के फायदे पर जोर दिया था।
समिति ने सुझाव दिया था कि इससे चुनावों पर होने वाला भारी खर्च कम होगा और चुनावी समय में लागू होने वाले आचार संहिता के कारण होने वाली नीतिगत निष्क्रियता समाप्त होगी।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एनडीए के नेताओं की मासिक बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा सके और राज्य स्तर पर चल रही गतिविधियों की समीक्षा की जा सके।
एक पार्टी नेता ने सुझाव दिया कि भाजपा नेतृत्व को अपने साझेदारों से व्यक्तिगत रूप से भी मिलना चाहिए, ताकि राज्य विशेष के मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
इस बैठक में हालांकि, शिवसेना (शिंदे) के नेता उपस्थित नहीं थे लेकिन अन्य एक दर्जन से अधिक सहयोगी दलों ने भाग लिया।
इनमें आपना दल, जनता दल (यूनाइटेड), जनता दल (सेक्युलर), तेलुगू देशम पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी और तमिल मैनिला कांग्रेस जैसी पार्टियां शामिल थी।