ये सर्वविदित है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की सबसे ज्यादा सहायता चीन के अलावा उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन कर रहे हैं।
यही वजह है कि दो महीने पहले पुतिन ने युद्ध के बीच अपनी विदेश यात्रा के रूप में उत्तरी कोरिया को चुना। उत्तरी कोरिया में भी पुतिन का भव्य स्वागत हुआ।
बताया जा रहा है कि उत्तरी कोरिया और रूस के बीच शिखर सम्मेलन के दौरान किम जोंग उन ने रूसी राष्ट्रपति के समक्ष अपने देश में भूख से बिलख रहे बच्चों के लिए कुछ करने की मदद मांगी थी।
इसके बाद अब पुतिन के आदेश पर रूस से 447 बकरियां उत्तरी कोरिया भेजी गई हैं।
रूस के कृषि सुरक्षा निगरानी संस्था के अनुसार, प्योंगयांग और मॉस्को के बीच गहराते सहयोग के बीच पशु चिकित्सा और स्वच्छता स्थितियों की समीक्षा के बाद पुतिन सरकार ने उत्तर कोरिया को 447 बकरियों की खेप को मंजूरी दे दी है।
रूस के रोसेलखोज्नादज़ोर की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए बयान के हवाले से योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि उत्तर कोरिया को पहले बैच में 432 मादा और 15 नर बकरियां भेजी गई हैं।
इन बकरियों को उत्तर कोरियाई व्यापारिक कंपनी के पास भेजा गया था। इसमें कहा गया है कि शिपमेंट को रूस के लेनिनग्राद क्षेत्र से उत्तर कोरिया के सीमावर्ती शहर रसोन तक पहुंचाया जाएगा।
पुतिन और किम जोंग के बीच शिखर सम्मेलन
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब उत्तर कोरिया और रूस के शीर्ष नेता जून के महीने में शिखर सम्मेलन के लिए एक-दूसरे से मिले थे।
किम जोंग-उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन के बाद यह कदम दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों के रूप में देखा जा रहा है।
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया कोरियन सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी (KCNA) ने 9 अगस्त को बताया कि पश्चिमी बंदरगाह शहर नैम्फो के कुछ हिस्सों में बकरी फार्म बनाए गए हैं।
योनहाप समाचार एजेंसी ने KCNA के हवाले से बताया, “उत्तरी कोरिया में डेयरी उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रूस की तरफ से यह कदम उठाया गया है। साथ ही रूस के अच्छी नस्ल की बकरियों की संख्या को उत्तरी कोरिया में भी पहुंचाने की पहल की गई है।
दरअसल, कोरोना काल के दौरान उत्तरी कोरिया में बच्चों में कुपोषण की कई घटनाएं सामने आई थीं। माना जा रहा है कि रूस इसलिए भी उत्तरी कोरिया की मदद कर रहा है।
जून 2021 में पार्टी बैठक के दौरान किम ने देश भर के सभी बच्चों को डेयरी उत्पाद और अन्य पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए नीति निर्धारित करने का आह्वान किया था।