शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर भारत जाने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर कई तरह के अत्याचार किए जा रहे हैं।
अल्पसंख्यक हिंदुओं के धार्मिक स्थलों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और संपत्तियों में तोड़फोड़ की जा रही है। कई अल्पसंख्यकों को मौत के घाट उतार दिया गया है।
जहां दुनियाभर से इस बर्बरता के खिलाफ आवाज उठ रही है तो वहीं बांग्लादेश से एक बेहद भावुक कर देने वाला वीडियो सामने आया है। एक बुजुर्ग बाप अपने बेटे की तलाश में दर-दर भटक रहा है।
पिछले कुछ दिनों से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सदस्य अपने गायब हुए परिजनों की तलाश में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन लोगों ने हाथ में पोस्टर लिए हुए हैं जिन पर उनके अपनों के फोटो दिखाई दे रही हैं।
इसी दौरान एक बुजुर्ग सड़क पर अपने लापता बेटे का पोस्टर लेकर प्रदर्शन करता दिखाई दे रहा है। सेना के लोग उसे सड़क से हटाते दिख रहे हैं।
वह चिल्लाते हुए कहता है, “मैं अपनी जान दे दूंगा, लेकिन मुझे अपने बच्चे के लिए न्याय चाहिए। मेरा बच्चा कहां है? मैं अपने बच्चे के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए दर-दर भटक रहा हूं, लेकिन कोई मेरी बात नहीं सुन रहा है।”
देश में हिंसा की घटनाओं के दौरान लापता हुए अपने परिवार के सदस्यों के पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सदस्यों और सेना के जवानों के बीच मामूली झड़प भी हुई थी।
वहीं मंगलवार को दिन में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने परेशान हिंदू समुदाय के सदस्यों से यहां प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर में मुलाकात की और उनकी सरकार की भूमिका के बारे में कोई धारणा बनाने से पहले धैर्य रखने का आग्रह किया।
यूनुस ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी हिंसा और बर्बरता के बीच आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला था।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार सुनिश्चित किए जाने चाहिए।
उन्होंने देश की दुर्दशा के लिए “संस्थागत पतन” को जिम्मेदार ठहराया। यह बैठक पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद कई दिनों तक चली हिंसा में अल्पसंख्यक हिंदू लोगों पर हमले, उनकी संपत्तियों की तोड़फोड़ तथा कई हिंदू मंदिरों को नष्ट किए जाने के बाद हो रही है। ढाकेश्वरी मंदिर प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है।
अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के हजारों सदस्यों ने शुक्रवार और शनिवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका और उत्तर-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में बड़े पैमाने पर विरोध रैलियां निकालीं और देश भर में हुई बर्बरता के बीच सुरक्षा की मांग की। हिंसा के दौरान हिंदू समुदाय के मंदिरों और उनके घरों पर हमले किये गये थे।
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटों का आवंटन, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने आदि की मांग करते हुए हिंदू प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को मध्य ढाका के शाहबाग में तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात अवरुद्ध कर दिया।
बांग्लादेश के दो हिंदू संगठनों – बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद – के अनुसार, पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश के 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों पर हमलों की कम से कम 205 घटनाएं हुईं।
इसके अलावा, बांग्लादेश में हिंदुओं के शीर्ष निकाय ने मंगलवार को कहा कि पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के बाद अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है। उसने इसे ‘‘हिंदू धर्म पर हमला’’ करार दिया।