दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की गिरफ्त में आया आईएसआईएस का खूंखार इनामी आतंकी रिजवान पाकिस्तान में छिपे हैंडलर के निर्देशों पर काम कर रहा था।
वह दिल्ली में 15 अगस्त से ठीक पहले बड़ी आतंकी वारदात करने की फिराक में था। इसी सिलसिले में वह दिल्ली आया था, लेकिन पुलिस ने पहले ही उसे दबोच लिया। फिलहाल, स्पेशल सेल रिजवान के अन्य संपर्कों की तलाश में जुटी है।
स्पेशल सेल के सूत्रों ने बताया कि रिजवान बीते साल जुलाई में पुणे पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया था। इसके बाद वह लगातार आईएसआईएस नेटवर्क को मजबूत करने में जुटा था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि फरारी के दौरान रिजवान पाकिस्तान में छिपे आईएसईएस के पुणे मॉड्यूल के प्रमुख आतंकवादी फरहतुल्ला गौरी से लगातार संपर्क में था।
अलग-अलग ऐप से निर्देश लेता था : रिजवान के मोबाइल फोन में कई ऐप मिले हैं। इन्हीं ऐप के जरिये वह पाकिस्तान में छिपे हैंडलर फरहतुल्लाह से दिशानिर्देश ले रहा था।
आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि उसे दिल्ली में एक शख्स से मिलने के लिए कहा गया था। उसके बाद आगे की योजनाओं को अंजाम देना था।
पुलिस ने पोस्टर लगाए थे : दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग इलाकों में दो दिन पहले ही फरार कुख्यात आतंकवादियों के पोस्टर लगाए थे।
इसमें प्रतिबंधित खालिस्तान संगठन, आईएम और सिमी से जुड़े आतंकियों के फोटो लगे हैं।
स्पेशल सेल ने काउंसलिंग की थी : रिजवान का परिवार दरियागंज में रहता है। उसके पिता जामिया मिलिया से रिटायर हैं, लेकिन रिजवान सोशल मीडिया के सम्पर्क में आकर आईएसईएस से जुड़ गया।
स्पेशल सेल ने रिजवान को समझाया और सही रास्ते पर चलने की नसीहत दी। करीब दो हफ्ते तक लगातार काउंसलिंग करने के बाद वह घर आ गया, लेकिन कुछ दिन बाद वह घर से फरार हो गया। बाद में मालूम हुआ कि वह पुणे मॉड्यूल का हिस्सा बन गया है।
पुणे मॉड्यूल के बारे में जानकारी मिली थी : पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुलाई, 2023 में मुम्बई पुलिस ने 11 आईएसईएस आतंकियों को पुणे से गिरफ्तार किया था। पुणे पुलिस की जांच में मालूम हुआ कि दरियागंज निवासी रिजवान और झारखंड निवासी शाहनवाज आलम भी इससे जुड़े हैं।
ये दोनों फरहतुल्लाह गौरी के निर्देश पर दिल्ली-एनसीआर में आईएसईएस का आधार बनाने की तैयारी में थे। इसके बाद स्पेशल सेल ने षड्यंत्र रचने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया था।
बाद में इसी एफआईआर में बाद में स्पेशल सेल यूएपीए की धारा भी जोड़ दी थी। हमले के बाद वह पाकिस्तान भागने की तैयारी में था।
कई खास इलाकों में रेकी की
आतंकी ने बताया कि वह चार दिन से दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में छिपा हुआ था। वह इस बीच उसने दिल्ली में कई वीआईपी इलाकों की रेकी की।
हैंडलर ने इन्हीं इलाकों में हमला करने का निर्देश दिया था। हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि यह हमला किस तरह से किया जाना था। पुलिस अब रिजवान के ठिकाने के बारे में जानकारी हासिल करने में जुटी है।
बम धमाकों के ट्रायल किए
पूछताछ में रिजवान ने बताया कि फरारी के दौरान वह गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में छिपा हुआ था। उसने पुणे के पास कोंडवा में आईईडी बनाने का प्रशिक्षण लिया।
इसके अलावा नियंत्रित बम विस्फोट का भी प्रशिक्षण लिया। दिल्ली लौटने पर उसने यमुना के किनारे जामिया और ओखला में नियंत्रित बम विस्फोट भी किए थे। अब वह बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में था।