दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को यूट्यूबर ध्रुव राठी को भाजपा नेता सुरेश करमशी नखुआ द्वारा दायर मानहानि मामले में फिलहाल मोहलत दी है।
कोर्ट ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें समय दिया है। राठी के वकील ने अदालत से अतिरिक्त समय मांगा और कहा कि उनके मुवक्किल भारत में नहीं रहते हैं, इसलिए उन्हें उनसे निर्देश लेने होंगे। बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए नखुआ की ओर से पेश हुए वकील राघव अवस्थी ने कहा, “यह ईमेल का युग है।”
अदालत ने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 16 अगस्त को मुकर्रर की है।
राठी के खिलाफ अपने मानहानि मामले में नखुआ ने अस्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए कहा कि प्रतिवादी के ट्वीट से उनकी प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचा है।
सुनवाई के दौरान राठी के वकील ने बताया कि नखुआ द्वारा दायर की गई कोर्ट फीस अपर्याप्त है और जब तक उचित कोर्ट फीस दाखिल नहीं की जाती तब तक मामले को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
इसके अलावा यह भी कहा गया कि उचित कोर्ट फीस दाखिल न करने के लिए कुछ उचित आधार दिए जाने चाहिए, जो वादी के आवेदन में नहीं हैं।
इसके बाद कोर्ट ने नखुआ के वकील को एक सप्ताह के भीतर कोर्ट फीस दाखिल करने का निर्देश दिया है। राठी के वकील ने कोर्ट से यह भी कहा कि वह नखुआ के ट्वीट को रिकॉर्ड में रखना चाहेंगे, जिसमें दावा किया गया है कि वे अपमानजनक थे।
उन्होंने कहा, “मैं उनका ट्वीट दिखाना चाहता था। उन्होंने महिलाओं को गाली दी है, उन्होंने सभी को गाली दी है। और अब वे उनके (ध्रुव राठी) खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करना चाहते हैं? ट्वीट देखकर आप चौंक जाएंगे।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अवस्थी ने यह भी दावा किया कि उनके मुवक्किल को नए अपमानजनक संदेश मिले हैं। कोर्ट ने कहा कि इससे पहले का मामला मानहानि का मामला था, जिसमें वादी द्वारा दायर आवेदन में कानून का एक सवाल शामिल है, जिस पर कोर्ट को फैसला करना है।
आपको बता दें कि पिछली बार दिल्ली की साकेत कोर्ट ने नखुआ द्वारा दायर 20 लाख रुपये के मानहानि के मुकदमे में राठी को समन जारी किया था।