केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक धोखाधड़ी मामले में 20 साल से फरार आरोपी को बीते रविवार को दबोच लिया।
उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां उसे 16 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया गया। आरोपी को यहां की एक अदालत ने कुछ साल पहले मृत करार दे दिया था।
सीबीआई ने सोमवार को बताया कि आरोपी वी. चलपति राव ने अपनी पहचान और जगह बार-बार बदली। उसने करीब 10 बार अपना मोबाइल नंबर बदला।
मई 2002 में सीबीआई ने बैंक से 50 लाख की धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया था। राव हैदराबाद में भारतीय स्टेट बैंक की चंदूलाल बिरादरी शाखा में कंप्यूटर ऑपरेटर था।
2004 से सीबीआई को दे रहा था चकमा
सीबीआई ने 31 दिसंबर 2004 में दो आरोपपत्र दाखिल किए थे। आरोपी 2004 से लापता था। मामले में पत्नी भी आरोपी है। उसने हैदराबाद पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी।
उसने राव के लापता होने के सात साल बाद उसे मृत घोषित करने के लिए दीवानी अदालत का भी रुख किया था। इसके बाद अदालत ने उसे मृत घोषित करने का आदेश दिया था।
पहचान और जगह बार-बार बदली
आरोपी सलेम में एम. विनीत कुमार बनकर 2007 में एक महिला से शादी कर ली। सीबीआई को उसकी दूसरी पत्नी से पता चला कि वह बेटे के संपर्क में है।
हालांकि, 2014 में वह बिना बताए सलेम छोड़कर चला गया और भोपाल पहुंचा जहां उसने लोन रिकवरी एजेंट के तौर पर काम किया। इसके बाद फिर वह उत्तराखंड के रुद्रपुर चला गया। सीबीआई टीम रुद्रपुर पहुंची तो पता चला कि वह 2016 में फरार हो गया था।
फरारी में भी किया घोटाला
साल 2016 में औरंगाबाद के वेरुल गांव में एक आश्रम में चला गया। वहां उसका नान स्वामी विधितात्मानंद तीर्थ था। दिसंबर 2021 में उसने करीब 70 लाख की धोखाधड़ी की।
फिर वह राजस्थान के भरतपुर गया और इस साल आठ जुलाई तक वहां रहा। इसके बाद वह तिरुनलवेली चला गया।