बांग्लादेश में बीते 15 सालों से सरकार चला रहीं शेख हसीना ने सोमवार को पीएम पद से इस्तीफा दिया और फिर हेलिकॉप्टर के जरिए भारत आ गईं।
फिलहाल वह भारत में ही हैं और यहां से ब्रिटेन जाने की राह तक रही हैं। ब्रिटेन से राजनीतिक शरण की मंजूरी मिलने के बाद वह लंदन जाकर रहना चाहेंगी।
इस तरह बांग्लादेश में मचे कोहराम से किसी तरह निकलकर शेख हसीना भारत आई हैं। इस बीच उनकी पार्टी अवामी लीग के नेताओं के घरों पर बांग्लादेश में हमले जारी हैं।
हालात इतने विकट हैं कि ये नेता भागे-भागे घूम रहे हैं और जान बचाने के लिए भी लाले पड़ गए हैं।
अब इन नेताओं ने भी भारत से शरण देने की गुहार लगाई है। भारत ने 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर हाई अलर्ट कर दिया है और अतिरिक्त बल को तैनात किया है।
इस बीच अवामी लीग के कई वरिष्ठ नेताओं, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और अन्य लोगों ने अपील की है कि भारत उन्हें जमीनी मार्ग से ही सीमा के अंदर जाने की परमिशन दे।
हालात इतने विकट हैं कि शेख हसीना की पार्टी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर मशरफे मुर्तजा का घर उपद्रवियों ने फूंक दिया। इसके अलावा एक मेयर का घर भी फूंका गया, जिसमें तीन लोग तो अंदर ही जिंदा जल गए।
इसके चलते शेख हसीना सरकार का हिस्सा रहे नेताओं में खौफ का आलम है। ये नेता अब भारत से ही शरण की गुहार लगा रहे हैं।
कई नेताओं के पास वीजा नहीं, पर चाहते हैं भारत में एंट्री
मुश्किल यह है कि इनमें से कई नेताओं के पास वीजा और पासपोर्ट भी नहीं हैं, जिनके जरिए वे दिल्ली आ सकें। भारत के अवामी लीग के नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं।
1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौर में भी भारत ने मदद की थी। उस आंदोलन का नेतृत्व शेख मुजीबुर रहमान ने किया था, जिन्हें बंगबंधु की उपाधि दी गई है।
बांग्लादेशी नेताओं के सामने मुसीबत यह है कि ढाका का एयरपोर्ट बंद है और नियमित उड़ानें भी ठप हैं। ऐसे में इन लोगों के पास एक ही विकल्प है कि त्रिपुरा और बंगाल से लगती सीमाओं के जरिए भारत में एंट्री कर जाएं।
पूर्व गृह मंत्री का घर ही फूंका, महासचिव लापता ही हो गए
बांग्लादेश में यह पुराना इतिहास रहा है कि तख्तपालट के बाद पूर्व की सत्ता में रहे नेताओं को खदेड़कर मारा गया। ऐसे में शेख हसीना के एग्जिट के बाद बाकी नेता भी चाहते हैं कि वह कहीं सुरक्षित शरण ले लें।
शेख हसीना सरकार में होम मिनिस्टर रहे असदुज्जमां कमाल के घर पर तोड़फोड़ की गई। इसके अलावा अवामी लीग के महासचिव अब्दुल कादर तो गायब ही हैं।
रविवार के बाद से ही उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। फिलहाल अवामी लीग के नेता आपस में भी संपर्क नहीं कर पा रहे हैं और किसी तरह अपनी जान बचाने की जुगत में हैं।