ईरान की राजधानी तेहरान में इस्लामी चरमपंथी संगठन हमास के नेता इस्माइल हनियेह की हत्या के मद्देनजर मिडिल-ईस्ट की स्थिति एक जंग की तरफ बढ़ रही है।
ईरान में की गई हनियेह की हत्या का शक सीधे तौर पर इजरायल के खुफिया संगठन मोसाद पर जा रहा है। ईरान भी हनियेह की हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
हालांकि, हनियेह की हत्या की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। इस बीच मिडिल-ईस्ट में तनाव गहरा गया है।
ऐसा लग रहा है हमास के बाद ईरान के साथ भी बेंजामिन नेतन्याहू को दो-दो हाथ करना होगा। मौजूदा हालातों को देखें तो अगर दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू होता है तो सैन्य ताकत में कौन सा देश आगे रहेगा इस पर चर्चा जारी है।
मध्य पूर्व में ईरान के पास सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है। लेकिन इजरायल भी पीछे नहीं है। ‘ग्लोबल फायरपावर’ वेबसाइट ने हाल ही में एक आंकड़ा प्रकाशित किया है।
उस आंकड़े के अनुसार, 145 देशों में सैन्य शक्ति के मामले में ईरान 14वें स्थान पर है। इजरायल उससे सिर्फ तीन कदम पीछे है।
ईरान और इजरायल के बीच महत्वपूर्ण जनसंख्या अंतर है। इजरायल की आबादी जहां सिर्फ 9 करोड़ है, वहीं ईरान की आबादी 7 करोड़ से ज्यादा है। इसलिए दोनों देशों के सैन्यकर्मियों की संख्या में अंतर है।
ईरान में सक्रिय सैनिकों की संख्या 6 लाख है। आरक्षित बलों की संख्या 3 लाख 50 हजार है। और अर्धसैनिक बल में 2 लाख लोग हैं।
इजरायल की सेना में सैनिकों की संख्या ईरान से काफी कम है। बेंजामिन नेतन्याहू के देश में केवल 1 लाख 70 हजार सक्रिय सैनिक हैं। हालांकि, आरक्षित बलों की संख्या ईरान की तुलना में थोड़ी अधिक है।
इजरायल की आरक्षित सेना की संख्या 4 लाख 65 हजार है। दूसरी ओर, अर्धसैनिक बल में केवल 35 हजार लोग हैं।
कितना है ईरान और इजरायल का पास असलहा
भले ही ईरान सेना के मामले में इजरायल को मात देता है, लेकिन सैन्य उपकरण, हथियार आदि के मामले में इजरायल आगे है। ईरान के पास कुल 551 सैन्य विमान हैं।
इजरायल में सैन्य विमानों की संख्या 612 है। युद्धक विमानों की संख्या के मामले में इजरायल ईरान से आगे है। इजरायल के पास 241 युद्धक विमान हैं।
उनके पास दुनिया का सबसे तकनीकी रूप से उन्नत फाइटर जेट F-35 है। नेतन्याहू सरकार ने पिछले साल 36 F-35 फाइटर जेट खरीदे थे। इजरायल 75 और खरीदने जा रहा है।
वहीं, ईरान के पास 116 फाइटर जेट हैं। इजरायल के पास 146 हेलीकॉप्टर हैं। ईरान के पास 129 हेलीकॉप्टर हैं। जिनमें से केवल 13 हमलों का इस्तेमाल तेहरान ने किया।
ईरान के पास 1,996 टैंक हैं। इजरायल के मामले में यह संख्या 1,370 है। ईरान के पास इजरायल से ज्यादा सैन्य वाहन हैं। ईरान के पास 65 हजार 765 सैन्य वाहन हैं। इजरायल की सेना के पास 43 हजार 403 वाहन हैं।
समुद्री ताकत में कहां खड़े हैं ईरान और इजरायल
दोनों देशों ने समुद्र के रास्ते भी अपनी सैन्य ताकत बढ़ा दी है। ईरान की नौसेना में छोटे-बड़े सैकड़ों युद्धपोत हैं। इजरायल के पास कुल 65 युद्धपोत हैं।
ईरान के पास 19 पनडुब्बियां हैं। इजरायल सिर्फ 5 पनडुब्बियों पर निर्भर है। इजरायल की सैन्य शक्ति जहां हवा में अधिक है, वहीं ईरान समुद्र में अधिक शक्तिशाली है। दोनों देशों की सैन्य रक्षा प्रणालियां भी बहुत मजबूत हैं।
हाल ही में इजरायल ने ईरान के हमले को रोककर एक मिसाल कायम की है। उस देश की रक्षा व्यवस्था की चर्चा दुनिया के अलग-अलग हलकों में हो रही है। हालांकि, दोनों देशों के पास लंबी दूरी की मिसाइलों को रोकने में सक्षम विभिन्न हथियार हैं।