अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि फेसबुक के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने उनसे जुड़ी सामग्री को प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगाने के लिए उन्हें हाल ही में फोन कर माफी मांगी और भरोसा दिलाया कि वह “किसी डेमोक्रेट का समर्थन नहीं करेंगे।”
फॉक्स न्यूज के साथ शुक्रवार को दिए गए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, “मार्क जुकरबर्ग ने मुझे फोन किया। मैं बताना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे कई बार फोन किया। (
पेनसिल्वेनिया में) रैली के बाद उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि यह वाकई अद्भुत था, यह बहुत बहादुरी भरा था।’ पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि जुकरबर्ग ने वास्तव में भरोसा दिलाया कि वह किसी डेमोक्रेट का समर्थन नहीं करेंगे क्योंकि वह ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि उस दिन मैंने जो किया, उसके लिए वह मेरी इज्जत करते हैं।”
ट्रंप से जुड़ी सामग्री को मेटा के प्लेटफार्म्स पर प्रसारित न होने की बात को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मेरी इस बारे में भी उनसे बात हुई है।
उन्होंने भरोसा दिलाया है कि यह एक तरीके का ग्लिच था। वे इस पर काम कर रहे हैं और मुझे लगता है कि उन्होंने इसे ठीक कर लिया है।
गूगल पर साधा निशाना, कहा जल्द बंद हो जाएगा गूगल
डोनाल्ड ट्रंप ने उनसे जुड़ी खबरों और तस्वीरों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी खबरों को लेकर गूगल पर शुक्रवार को निशाना साधा। फॉक्स न्यूज के साथ साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि गूगल का रवैया बहुत खराब रहा है।
वे बहुत गैर-जिम्मेदार रहे हैं और मुझे लगता है कि गूगल बंद होने की कगार पर पहुंचने वाला है। क्योंकि मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस (अमेरिकी संसद) इसे स्वीकार करेगी।
गूगल को सावधान रहना होगा।’ ट्रंप ने आरोप लगाया था कि गूगल पर पेनसिल्वेनिया में 13 जुलाई को एक चुनावी रैली के दौरान उन पर हुए जानलेवा हमले के संबंध में कोई तस्वीर या अन्य सामग्री खोजना लगभग असंभव है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के सीईओ और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने भी गूगल पर आरोप लगाया था कि ट्रंप की कोई भी फोटो या वीडियो को गूगल सर्च करने से रोक रहा है या फिर सर्च करने पर दिखा नहीं रहा है।
ट्रंप के आरोपों को गूगल ने नकारा कहा ऐसा कुछ नहीं
गूगल ने पूर्व राष्ट्रपति के आरोपों को खारिज किया था। कंपनी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था, “पिछले कुछ दिनों में, ‘एक्स’ पर कुछ लोगों ने दावा किया है कि सर्च इंजन चुनिंदा शब्दों को सेंसर कर रहा है या उन पर ‘प्रतिबंध’ लगा रहा है। ऐसा नहीं हो रहा है।
हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं। ये पोस्ट हमारे ‘ऑटोकंप्लीट’ फीचर से संबंधित हैं, जो आपका समय बचाने के लिए आपके मन में चल रहे सवालों के बारे में अंदाजा लगाता है।”
गूगल ने स्पष्ट किया था कि ‘ऑटोकंप्लीट’ पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले से जुड़े सवालों के संबंध में कोई अंदाजा नहीं लगा रहा है। यह इसलिए क्योंकि उसमें राजनीतिक हिंसा से जुड़ी सामग्री को छांटने की व्यवस्था की गई है और यह व्यवस्था पुरानी हो चुकी है।
कंपनी ने कहा था कि पेनसिल्वेनिया में हुए भयावह घटनाक्रम के बाद इससे जुड़े संभावित सवाल ‘सर्च’ के विकल्प में दिखने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
गूगल ने कहा था कि समस्या को आइडेंटिफाई कर लिया गया है और उसमें सुधार की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है और नये फीचर जारी किए जा रहे हैं।