इजरायल में आतंकी हमला करके उसे खून के आंसू रुलाने वाले हमास के टॉप लीडर इस्माइल हानिया की बुधवार को ईरान में हत्या कर दी गई।
दावा किया जा रहा है कि इजरायल ने ही हमास के राजनीतिक चीफ इस्माइल हानिया की हत्या करवाई है।
ईरान में रेवोलूशनरी गार्ड्स की सुरक्षा वाले गेस्टहाउस को ही जमींदोज कर दिया गया जिसमें इस्माइल हानिया और उनके एक गार्ड की मौत हो गई।
राजधानी तेहरान में इस्लामिक सरकार की नाक के नीचे इस तरह की साजिश से पूरी दुनिया हैरान है।
7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले के बाद मोसाद की काफी आलोचना हो रही थी। वहीं हानिया की मौत के बाद एक बार फिर मोसाद का लोहा माना जा रहा है।
ईरान की फौज खुद कन्फ्यूज है कि आखिर यह हमला किया कैसे गया। वहीं राष्ट्रपति के शपथ समारोह में आए एक मेहमान की हत्या के बाद ईरान की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
ईरान और इजरायल जानी दुश्मन है। इजरायल ने ईरान में ही अपनी ताकत का प्रदर्शन कर दिया है। ऐसे में इस्लामिक देश ने भी इजरायल को खुली धमकी दे दी है। आइए जानते हैं कि आखिर इस हमले की इनसाइड स्टोरी क्या है।
महीनों पहले ही प्लांट हो गया था बम
इस्माइल हानिया कतर के अपने सुरक्षित ठिकाने पर रहते थे। हालांकि ईरान में नए राष्ट्रपति मसूद पजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वह ईरान पहुंचे थे।
यह इजरायल के लिए एक अच्छा मौका था। इजरायल को इस बात का पता पहले से ही था। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हानिया को मारने के लिए दो महीने पहले ही बम स्मगल करक ईरान पहुंचा दिया गया था और इसे उस खास गेस्टहाउस में लगा दिया गया था जहां हानिया रुका करता था।
इससे पहले भी हानिया दो बार इसी गेस्टहाउस में रुक चुका था। ईरानी फौज की सुरक्षा में रहने वाला यह गेस्टहाउस तेहरान के एक घनी आबादी वाले इलाके में है। इस बात की पुष्टि मिडल ईस्ट के सात, दो ईरानी और एक अमेरिकी अधिकारी ने की है।
रिमोट से किया गया विस्फोट
हानिया राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए ईरान पहुंचे थे। पांच अधिकारियों के मुताबिक गेस्ट हाउस में यह विस्फोट रिमोट से किया गया था।
रात में 1 बजे के बाद जब इस बात की पुष्टि हो गई कि हानिया गेस्टहाउस में सो रहा है, तभी विस्फोट किया गया। इसके बाद पूरा गेस्टहाउस जमींदोज हो गया जिसमें उसका एक सुरक्षा गार्ड भी मारा गया। धमाका इतना तेज था कि इमारत की खिड़कियां चिटक गईं। इसके अलावा एक बाहरी दीवार गिर गई।
पहले भी इसी गेस्टहाउस में रुकता था हानिया
मध्य-एशियाई देशों के अधिकारियों के मुताबिक पहले भी अपनी ईरान यात्रा के दौरान हानिया इसी गेस्टहाउस में रुकता था। वहीं हानिया की हत्या के बाद मध्य एशिया में एक बार फिर हिंसा बढ़ने की आशंका है।
गाजा में युद्धविराम के लिए लंबे समय से चर्चा चल रही थी। इस बीच हानिया की हत्या युद्धविराम की संभावनाओं पर पानी फेर सकती है।
हालांकि इजरायल ने अभी इस हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि इजरायली खुफिया एजेंसी ने इस बारे में अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को बताया है।
वहीं बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि उन्हें इस हमले के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। हानिया की मौत के बाद पहले तो यही नहीं कन्फर्म नहीं हो पाया कि यह मिसाइल अटैक था या फिर कुछ और।
पहले अंदाजा लगाया गया कि हो सकता है कि इजरायल ने ड्रोन या फिर प्लेन से हमला किया हो। इस हमले के बाद ईरान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। राजधानी तेहरान के खास गेस्टहाउस में इस तरह से बम प्लांट किया जाना भी सुरक्षा में बड़ी चूक है।
कैसे पहुंचा गेस्टहाउस में बम
ईरान के अधिकारियों के मुताबिक अब भी पता नहीं चल पाया है कि आखिर इस गेस्टहाउस में बम कैसे पहुंचा। अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से गेस्टहाउस की रेकी की जा रही थी और इजरायल ने इस प्लान को बनाने में महीनों का समय लिया।
इजरायल ने पहले ही तय कर लिया था कि हानिया की हत्या कतर से बाहर की जाएगी। कतर की सरकार गाजा में युद्धविराम को लेकर मध्यस्थता कर रही है।
जानकारी के मुताबिक रात में करीब दो बजे गेस्टहाउस के एक कमरे में धमाका हुआ। उसी कमरे में हानिया सो रहा था। गेस्टहाउस की मेडिकल टीम भी तुरंत वहां पहुंची लेकिन हानिया और उसके सुरक्षा गार्ड की मौत हो चुकी थी।
हानिया के पास के कमरे में ही फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के नेता जियाद-अल-नाखलाह भी रुके थे। हालांकि उनके कमरे को नुकसान नहीं पहुंचा।
इससे पता चलता है कि केवल हानिया की ही हत्या की साजिश की गई थी। घटना के चार घंटे बाद इस्लामिक गार्ड्स ने मौत की पुष्टि की। इसके बाद ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने अपने सेना प्रमुख को ब लााय और इजरायल को जवाब देने का आदेश दे दिया।