इजरायल के जहरीली हमले को दे चुका है चकमा, खालिद मेशाल बन सकता है हमास का नया चीफ…

खालिद मेशाल एक ऐसा नाम है जिसकी चर्चा शेख अहमद यासीन के मारे जाने के बाद से अचानक तेज हो गई है।

मेशाल 1997 में दुनिया भर में तब चर्चित हुआ, जब इजरायली एजेंटों ने जॉर्डन की राजधानी अम्मान में उसके ऑफिस के बाहर एक सड़क पर उनकी हत्या का असफल प्रयास किया।

उसे जहर का इंजेक्शन दिया गया था।  इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आदेश पर यह हमला किया गया था।

इसके बाद से जॉर्डन के तत्कालीन राजा हुसैन क्रोधित हो गए। उन्होंने संभावित हत्यारों को फांसी पर लटकाने और इजरायल के साथ जॉर्डन की शांति संधि को रद्द करने की बात कही थी।

उन्होंने जहरीली दवा सौंपने की धमकी दी थी। इसके बाद इजरायल ने वह दवा उन्हें सौंप दी और हमास नेता शेख अहमद यासीन को रिहा कर दिया। इस घटना के करीब सात साल बाद गाजा में उसकी हत्या कर दी गई।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुाबिक, फिलिस्तीनी समर्थकों के लिए मेशाल इजरायली कब्जे से मुक्ति के लिए लड़ने वाला नेता है। वह उनके लिए अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के विफल होने पर भी अपने उद्देश्य को जीवित रखने वाला व्यक्ति है।

मेशाल को जानलेवा हमले की कोशिश से एक साल पहले हमास में पद दिया गया था। इसके बाद उसने विदेशों की सरकारों के साथ बैठकों में फिलिस्तीनी इस्लामवादी समूह का प्रतिनिधित् किया।

हमास के सूत्रों ने कहा कि मेशाल को इस्माइल हनीया की जगह हमास का टॉप लीडर के रूप में चुने जाने की उम्मीद है। बुधवार की सुबह ईरान में उसकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद तेहरान और हमास ने इजरायल के खिलाफ प्रतिशोध की कसम खाई है।

2011 में सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ सुन्नी मुस्लिम नेतृत्व वाले विद्रोह का समर्थन करने के लिए ईरान के साथ मेशाल के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं।

1990 के दशक में मेशाल हमास का शीर्ष नेताओं की टीम में शामिल रहा है। मार्च 2004 में हवाई हमले में यासीन की मौत के बाद इजरायल ने एक महीने बाद गाजा में अब्देल-अजीज अल-रंतिसी की हत्या कर दी और मेशाल ने हमास का समग्र नेतृत्व संभाल लिया।

इजरायल के प्रति नरम रुख
मेशाल इजराइल के साथ स्थायी शांति समझौते के विचार को खारिज करते हैं, लेकिन उन्होंने कहा है कि हमास एक दीर्घकालिक युद्धविराम के बदले में अस्थायी समाधान के रूप में पश्चिमी तट, गाजा पट्टी और पूर्वी यरुशलम में एक फिलिस्तीनी राज्य को स्वीकार कर सकता है। मेशाल ने कहा कि 7 अक्टूबर के हमास हमले ने फिलिस्तीनी मुद्दे को विश्व एजेंडे के केंद्र में वापस ला दिया।

उन्होंने अरबों और मुसलमानों से इजरायल के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आग्रह किया और कहा कि फिलीस्तीनी ही तय करेंगे कि मौजूदा युद्ध समाप्त होने के बाद गाजा पर कौन शासन करेगा।

आपको बता दें कि इजरायल और अमेरिका युद्ध के बाद के शासन से हमास को बाहर रखना चाहते हैं।

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